बंगाल में आ रहे चक्रवात यास को मात देने और लोगों की उससे रक्षा करने के लिए एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) 11वीं वाहिनी का दल लखनऊ और वाराणसी से भेजा गया है। अत्याधुनिक उपकरणों से लैस एनडीआरएफ के दल को बंगाल में एयरलिफ्ट करा दिया गया है। वहां टीम ने लोगों के जान और माल की रक्षा के लिए अपनी योजना तैयार कर ली है। जनता को चक्रवात से बचाने के लिए टीमों को कोलकाता के समुद्री तट और के आस पास मुस्तैद किया जा रहा है। यह टीम लोगों को जागरूक करने के साथ ही उनकी रक्षा करेगी। एनडीआरएफ की 40 सदस्यीय टीम को कमांडेट मनोज कुमार शर्मा के निर्देशन पर इंस्पेक्टर सुरेश कुमार लीड करेंगे।
कारबाइट-चेनसा और आरआर-सा कटिंग के अत्याधुनिक उपकरणों का करेंगे प्रयोग: लखनऊ टीम के डिप्टी कमांडेंट नीरज कुमार ने बताया कि फिरहाल लखनऊ और वाराणसी से 40 सदस्यीय दल भेजा गया है। आवश्यकता पड़ने पर टीम और भेजी जाएगी। टीम के पास कारबाइट-चेनसा और आरआर-सा के अलावा अन्य अत्याधुनिक कटिंग टूल्स हैं। टीम वहां पर समुद्री तट के आस पास रहने वाले लोगों को जागरूक करेगी।
चक्रवात के दौरान 165 से 185 की रफ्तार से तूफान आने की संभावना: डिप्टी कमांडेंट नीरज कुमार ने बताया कि इस चंद्रवात के दौरान 165 से 185 की रफ्तार से बंगाल में तूफान आने की संभावना है। इस लिए टीम को अलर्ट कर दिया गया है। इसके साथ ही चक्रवात के दौरान क्षतिग्रस्त पेड़ों और बिजली के पोलों आदि को हटा कर रेस्क्यू करेगी। जिससे मार्ग बाधित न हो। आवागमन बना रहे। अगर कोई इमारत भी इस दौरान क्षतिग्रस्त होती है तो उसके लिए भी हमारी टीम पूरी तरह से तैयार है।
तूफान के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
टीम माइक लेकर लोगों को आगाह करेगी कि वह घर से बाहर न निकलें। इस दौरान मुख्य रूप से इन बातों का लोगों को ध्यान रखना होगा।
लोग घरों के अंदर ही रहें, बाहर कतई न निकलें।
अगर लोग बाहर निकले हैं और एकाएक तूफान आया तो वह खुले किसी पेड़, बिजली के खंभे और जर्जर इमारत से दूर रहें, खुले में न रहें। किसी सुरक्षित इमारत के नीचे पहुंचे।
अगर आप ड्राइविंग कर रहे हैं और तूफान आ गया तो सुरक्षित स्थान देखकर गाड़ी रोक दें और खुद किसी सुरक्षित इमारत के नीचे चले जाएं। तूफान शांत होने पर निकलें।