हुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में साकेत कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. कोर्ट का निर्णय सुनते ही एक दोषी कोर्ट में रोने लगा. उसने कहा कि जज साहब मैंने कुछ नहीं किया, फिर मुझे मुजरिम करार दे दिया गया. इस पर फैसला सुनाने वाले जज ने कहा कि उसे हायर कोर्ट में अपील करने की पूरी छूट है. इसके अलावा इस मामले में दोषी करार एक महिला भी रोने लगी. बता दें कि इस जघन्य मामले में 20 में से 19 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है. ब्रजेश ठाकुर बलात्कार और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के प्रावधानों के तहत दोषी पाया गया. एक अन्य शख्स को आरोपमुक्त भी कर दिया गया है. सजा पर अब 28 जनवरी को कोर्ट में बहस होगी.
सात महीने की सुनवाई के बाद आया फैसला
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन उत्पीड़न मामले में सात महीने की सुनवाई के बाद साकेत कोर्ट ने 20 जनवरी को अपना फैसला सुनाया. मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 19 अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया है. इन लोगों को रेप के अलावा साजिश रचने के मामले में भी दोषी ठहराया गया है. बता दें कि ब्रजेश ठाकुर बिहार पीपुल्स पार्टी का विधायक भी रह चुका है. यह पार्टी अब खत्म हो गई है.
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया था. तब से इस मामले की सुनवाई साकेत कोर्ट में चल रही थी और अब जाकर इसमें फैसला सुनाया गया. अदालत ने इस मामले में 20 मार्च 2018 को आरोप तय किए थे. कोर्ट ने 19 आरोपियों को दोषी करार दिया है. अब इस मामले में 28 जनवरी से दोषियों की सजा पर सुनवाई होगी. बता दें कि जिन धाराओं के तहत उन्हें दोषी ठहराया गया है, उसमें बेहद कठोर सजा का प्रावधान है.