चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अब पंजाब के मुख्यमंत्री को सलाह देंगे। इस बारे में खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर जानकारी दी है। कैप्टन ने ट्वीट किया है कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रशांत किशोर प्रधान सलाहकार के रूप में मेरे साथ जुड़ गए हैं। पंजाब के लोगों की भलाई के लिए हम एक साथ काम करने के लिए तत्पर हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कई बार किशोर की तारीफ कर चुके हैं। कांग्रेस ने 2017 में किशोर को पांच राज्यों की चुनाव प्रचार रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी दी थी। इसमें पंजाब एकमात्र ऐसा राज्य रहा जहां पार्टी बहुमत प्राप्त करने में सफल हुई। जबकि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद पार्टी ने किशोर की तारीफ की थी।
2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रशांत किशोर की बनाई नीति अपनाकर ही सत्ता हासिल की थी। इसके बाद किशोर ने बिहार में जनता दल यूनाइटेड को अपनी सेवाएं दीं। नीतीश कुमार, लालू प्रसाद और कांग्रेस को मिलाकर सरकार की राह बनाई। बदले में जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए। फिर जदयू में खटपट बढ़ी तो किशोर ने नीतीश से अपनी राह अलग कर ली थी।
34 साल की उम्र में अफ्रीका से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की नौकरी छोड़कर किशोर 2011 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम से जुड़े थे। जिससे राजनीति में ब्रांडिंग का दौर शुरू हो गया। चुनाव में नेता का ऐसा प्रचार शायद ही किसी दौर में देखा गया था।
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