हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही भाजपा जाट आरक्षण आंदोलन के जख्मों को भरने की कवायद में जुट गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 9 अक्टूबर काे सांपला रैली जाटों के हरे जख्मों पर मरहम लगाने का काम करेगी। यह रैली प्रदेश की सियासत में कई नए राजनीतिक समीकरण बनाने में अहम भूमिका निभाएगी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बाद प्रधानमंत्री मोदी पहली बार जाट आरक्षण आंदोलन का केंद्र बिंदु रहे रोहतक जिले में आ रहे हैं।
यह इलाका पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ माना जाता है। इस लिहाज से मोदी का दौरा न केवल जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, बल्कि भाजपा जाटलैंड से एक तीर से कई निशाने साधने की तैयारी में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोहतक जिले के गढ़ी सांपला में मंगलवार को दीनबंधु सर छोटू राम की 64 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने आ रहे हैं।
दीनबंधु छोटू राम केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह के नाना थे। बीरेंद्र सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा दोनों रिश्ते में भाई हैं, लेकिन कांग्रेस में रहते हुए और बीरेंद्र सिंह के कांग्रेस से अलग होने के बावजूद दोनों में कभी नहीं बनीं। बीरेंद्र सिंह प्रधानमंत्री को इस इलाके में लाकर जहां अपनी राजनीतिक ताकत मजबूत करना चाहते हैं, वहीं जाटों के जख्मों पर मरहम लगवाकर स्वयं को सबसे बड़े नेता के रूप में स्थापित होने की कोशिश में हैं।
हरियाणा में दो साल पहले 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन हुआ था। अलग-अलग समय में तीन बार हो चुके इस आंदोलन में 32 लोगों की मौत हुई और कई हजार करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हुई थी। इसके बावजूद आरक्षण नहीं मिलने के लिए व भाजपा को जिम्मेदार मानते हैं। भाजपा पर अक्सर गैर जाटों की राजनीति करने के आरोप लगते रहे हैं। अब चूंकि चुनाव सिर पर हैं और भाजपा मिशन 2019 को लेकर आगे बढ़ रही है तो ऐसे में वह जाटों को नाराज नहीं रख सकती।
यही कारण है कि उनका भरोसा जीतने के लिए वह लगातार प्रयास कर रही है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पिछले दिनों रोहतक में तीन दिन के प्रवास पर रहकर पार्टी और सरकार के लिए माहौल बनाकर गए थे। अब प्रधानमंत्री मोदी आ रहे हैं। प्रदेश की दस लोकसभा सीटों में से सात पर भाजपा का कब्जा है। दो सीटें इनेलो और एक सीट कांग्रेस के पास है। मोदी जिस संसदीय क्षेत्र रोहतक में आ रहे हैं, वहां से दीपेंद्र सिंह हुड्डा सांसद हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा खुद दस साल सत्ता में रह चुके हैं। ऐसे में जाटलैंड से निकला मोदी का कोई भी राजनीतिक संदेश पार्टी व सरकार दोनों के लिए नई दिशा तय कर सकता है।
धनखड़, कैप्टन और बराला की प्रतिष्ठा भी दांव पर, सीएम खुद रख रहे निगाह
जाट भाजपा नेताओं की प्रतिष्ठा भी इस रैली को लेकर दांव पर लगी हुई है। केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के अलावा कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला तीनों जाट हैं। सभी अपने-अपने ढंग से रैली की तैयारियों में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद पल-पल की रिपोर्ट ले रहे हैं। वह रैली स्थल का मुआयना कर चुके हैं।
जींद के बाद गढ़ी सांपला राजनीति का दूसरा बड़ा केंद्र बिंदु
रोहतक जिले का गढ़ी सांपला जींद के बाद हरियाणा की राजनीति में दूसरा केंद्र बिंदु रहा है। सत्तारूढ़ भाजपा व कांग्रेस के मुकाबले ओमप्रकाश चौटाला युग तक इनेलो की राजनीति छोटूराम के इर्द-गिर्द घूमती रही है। चौटाला ने ही गढ़ी सांपला में छोटूराम स्मारक का निर्माण कराया था। वह ही पाकिस्तान से छोटूराम की निशानियां लेकर आए थे।
जाट आंदोलनकारियों के बीच मध्यस्थता कर चुके बीरेंद्र सिंह
पीएम के कार्यक्रम की कमान बीरेंद्र सिंह डूमरखां के हाथों में देकर भाजपा ने हुड्डा के गढ़ में उनको मजबूती देने का प्रयास किया है। बीरेंद्र सिंह ने कई बार जाट आरक्षण आंदोलनकारियों व सरकार के बीच मध्यस्थता की भूमिका निभाई है।
किसानों के हक में घोषणाओं से मिलेगा भाजपा को फायदा
हरियाणा के लोग छोटूराम को किसानों का मसीहा मानते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री द्वारा छोटूराम को सम्मान दिए जाने से न केवल किसानों बल्कि जाति विशेष के लोगों में भाजपा के प्रति सकारात्मक संदेश भी जाएगा। प्रधानमंत्री अगर किसानों की कर्ज माफी या कोई अन्य बड़ी घोषणा करते हैं तो पार्टी व सरकार को बड़ा राजनीतिक फायदा मिलने की संभावना है।