पोलैंड में गिरी मिसाइल धमाके से दो लोगों की मौत से पूरी दुनिया में खलबली मच गई है. पोलैंड ने इस घटना के बाद रूस के राजदूत को तलब किया है. पोलैंड का कहना है कि 15 नवंबर को यूक्रेन में रूस ने भारी बमबारी की और 3 बजकर 40 मिनट पर एक मिसाइल यूक्रेन की सीमा से लगे लुबेल्स्की प्रांत में गिरीं. हालांकि पोलैंड की मीडिया का कहना है कि दो मिसाइलें गिरी हैं. जैसे ही यह खबर फैली अमेरिका, ब्रिटेन और नाटो एक्टिव हो गए. नाटो ने तो आपात बैठक तक बुला ली.

बाइडेन ने दिया ये बयान
लेकिन इंडोनेशिया के बाली में चल रहे जी-20 सम्मेलन से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस घटना पर चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा, यह संभावना नहीं है कि पोलैंड में गिरी मिसाइल रूस से दागी गई थी. राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि शुरुआती जानकारी के मुताबिक मंगलवार को पोलैंड में जिस मिसाइल ने धमाका किया, वो रूस से दागी नहीं गई थी.
रूस ने किया खंडन
बाली में दुनिया के नेताओं से मुलाकात के बाद मीडिया ने बाइडेन से पूछा था कि क्या यह कहना जल्दबाजी होगी कि मिसाइलें रूस से दागी गई थीं या नहीं? इस पर उन्होंने जवाब में कहा, शुरुआती जानकारी इसका खंडन करती है. जब तक हम पूरी तरह से इसकी जांच नहीं कर लेते, तब तक मैं यह नहीं कहना चाहता. इससे पहले, रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि पोलैंड में रूसी मिसाइलों के गिरने की रिपोर्ट “जानबूझकर उकसाने” वाली हरकत थी.
इस घटना के बाद पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक से बातचीत भी की. बाइडेन ने पोलैंड को समर्थन का भरोसा देते हुए कहा था कि वह नाटो सदस्यों के लिए प्रतिबद्ध है. वहीं यूके के पीएम ऋषि सुनक ने मिसाइल हमले में मारे गए लोगों की मौत पर शोक जताते हुए कहा था कि ब्रिटेन पोलैंड के साथ खड़ा है. इसके अलावा यूक्रेन की सीमा के करीब मिसाइल हमले के बाद पोलैंड ने अपनी सेना को अलर्ट पर रहने को कहा है. पोलैंड नाटो का मेंबर है.
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