कोरोना महामारी के असर से वेटिकन भी अछूता नहीं रहा है। पोप फ्रांसिस ने जहां सभी कार्डिनल के वेतन में 10 फीसद कटौती का आदेश दिया है वहीं दूसरे अन्य धर्मगुरओं की तनख्वाह में भी कमी की गई है। माना जाता है कि वेटिकन में काम करने वाले लोगों की नौकरी बचाने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया है।
वेतन में कटौती का यह आदेश एक अप्रैल से प्रभावी होगा। खास बात यह है कि निचले स्तर के कर्मचारियों के वेतन में किसी तरह की कटौती नहीं की गई है। बता दें कि पोप फ्रांसिस अक्सर लोगों को नौकरी से निकाले जाने के खिलाफ बोलते रहे हैं।
वेटिकन या रोम में रहने वाले कार्डिनल का वेतन चार से पांच हजार यूरो प्रति माह है। इतना ही नहीं यह बड़े अपार्टमेंट में रहते हैं, जिनका किराया बाजार मूल्य से बहुत कम होता है। वेटिकन के दूसरे विभागों में काम करने वाले धर्मगुरओं को अगले महीने से तीन से आठ फीसद वेतन कम मिलेगा। वेतन बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मार्च 2023 तक टाल दिया गया है।
दरअसल, कोरोना महामारी के चलते वेटिकन को मिलने वाले दान में कमी आई है। यही वजह है कि उसे लगातार दूसरे वषर्ष खजाने में रखे 40 मिलियन यूरो का उपयोग करना प़़ड सकता है। वेटिकन में स्थित म्यूजियम से बड़ी आय होती थी, लेकिन पिछले 15 महीनों से वह भी बंद है।
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