पूर्वजों का तर्पण करते समय भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां

सनातन धर्म में पितृ पक्ष को बेहद खास माना जाता है। यह 16 दिनों तक चलते है और लोग इस दौरान अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए कई प्रकार के अनुष्ठान करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान पिंड दान करना बहुत अच्छा माना जाता है। इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन की सभी मुश्किलों का अंत होता है।

सनातन धर्म में पितृ पक्ष को बहुत विशेष माना गया है। इसे पितृ पक्ष व श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है। यह समय पितरों को समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल पितृ पक्ष दिन मंगलवार 17 सितंबर, 2024 को शुरू हो रहे हैं। वहीं, इनका समापन 2 अक्टूबर, 2024 को होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान (Pitru Paksha 2024) जो लोग अपने पूर्वजों का तर्पण करते हैं, उन्हें कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए,

क्योंकि अंजाने में हम कई बार ऐसी भूल कर बैठते हैं, जिससे हमें भारी नुकसान उठाना पड़ता है, तो आइए पितृ तर्पण के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। उनके बारे में जानते हैं।

पितृ तर्पण के समय न करें ये गलतियां
पितृ तर्पण करते समय दिशा का खास ख्याल रखना चाहिए।
तर्पण के दौरान अपना मुख दक्षिण दिशा की ओर रखें तभी तर्पण पूर्ण माना जाता है।
पितरों के तर्पण में उंगली का उपयोग नहीं किया जाता है, इस दौरान अंगूठे से जल पितरों के निमित्त अर्पित करने का विधान है। वहीं, अंगूठे में कुशा जरूर धारण करनी चाहिए।
पितरों का तर्पण सबसे पहले नहीं करना चाहिए। देवी-देवताओं के नाम पर पूर्व दिशा में तर्पण करने के बाद पितृ तर्पण करना चाहिए।
तर्पण के दौरान फूलों का उपयोग बेहद आवश्यक होता है, ऐसे में सफेद रंग का हल्की सुगंध वाला पुष्प अर्पित करें।

कब होगी पितृ पक्ष की शुरुआत?
हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा से होती है और समाप्ति आश्विन माह की अमावस्या पर होती है। पंचांग के आधार पर इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर, 2024 से हो रही है। वहीं, इसका समापन 02 अक्टूबर, 2024 को होगा।

माना जाता है कि इस दौरान पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com