आज ही के दिन 1975 में भीषण गर्मी में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की नेतृत्व वाली सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक फैसले के बाद देश में आपातकाल लगाने का फैसला लिया और 25 जून का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। आज देश आपातकाल को याद कर रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी भी उस समय को याद करते हुए ट्वीट किए हैं।

लेकिन इमरजेंसी की याद देश के पूर्व रक्षा मंत्री और दिवंगत समाजवादी नेता जार्ज फर्नांडिस की जंजीरों वाली तस्वीर के बगैर अधूरी लगती है। ट्रेड यूनियन लीडर के रूप में राजनितिक करियर की शुरुआत करने वाले धुर समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस का भले ही देहांत हो गया हो, मगर आजादी के बाद लोकतंत्र पर धब्बा माने जाने वाले आपातकाल के दौर की उनकी बेड़ियों से जकड़ी तस्वीर लोगों के जेहन में अभी भी ताज़ा है।
जब भी आपातकाल के क्रूर दौर का उल्लेख होगा, उस दमन के विरोध के प्रतीकस्वरूप ‘बागी’ नेता जॉर्ज फर्नांडिज की उस तस्वीर का भी जिक्र आएगा। संभवतया इसी वजह से करिश्माई नेता जॉर्ज को विद्रोही तेवर का नेता कहा जाता है। जार्ज साहब के देहांत के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने ऐलान किया है कि उनकी हथकड़ी वाली मुर्ति सरकार लगवाएगी।
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