पूर्व मंत्री के नाती ने शादी से मना करने पर युवती और उसकी बेटी को कार से कुचलकर जान लाने का प्रयास किया। इस मामले पीड़ितों द्वारा मुकदमा दर्ज कराए जाने के बाद आरोपी फरार है। पुलिस ने उसे दबोचने के लिए इनाम घोषित करने की तैयारी कर ली है।
आगरा में जानलेवा हमले के मुकदमे में फरार पूर्व मंत्री चौधरी उदयभान सिंह का नाती दिव्यांश चौधरी पांच दिन बाद भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। इससे पीड़ित परिवार में आक्रोश है। उधर, मामला लखनऊ तक पहुंच गया है। पूरे मामले की जानकारी मांगी गई है। इस पर पुलिस ने दबिश तेज कर दी हैं। डीसीपी सिटी ने थाना शाहगंज से इनाम घोषित करने के लिए रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट मिलते ही आरोपी पर 10 हजार का इनाम घोषित कर दिया जाएगा।
15 अप्रैल की रात को ऋषि मार्ग (शाहगंज) पर घटना हुई थी। जूता कारोबारी की बेटी लखनऊ से घर लौट रही थी। कारोबारी उसे स्टेशन से लेकर आए थे, तभी उन्हें कार से कुचलने का प्रयास हुआ था। इसका आरोप दिव्यांश चौधरी पर है। वह पूर्व मंत्री का नाती है। परिजनों ने आरोप लगाया था कि पुलिस पूर्व मंत्री के दबाव में है। फरवरी में भी उसने धमकी दी थी। तब मुकदमा दर्ज कराया, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस बार भी कार्रवाई नहीं होगी। परिजन ने हंगामा किया था। जाम लगाया था। मामले में जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज हुआ।
पीड़ित जूता कारोबारी का कहना है कि घटना को 5 दिन बीत चुके हैं। मगर, आरोपी पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है। बस यही कहा जा रहा है कि दबिश दे रहे हैं। आम मामलों में तत्परता दिखाते हुए कार्रवाई करने वाली पुलिस पूर्व मंत्री पर हाथ डालने से डर रही है। परिवार दहशत में है। उसे सुरक्षा तक नहीं दी गई है। इस कारण वह घर में कैद हो गए हैं। डर लग रहा है कि पूर्व मंत्री का नाती उनके साथ कोई वारदात न कर दे।
दोस्तों के मोबाइल बंद, परिचित फरार
पूरे मामले की गूंज लखनऊ तक है। इस कारण अधिकारियों से जानकारी मांगी गई है। पुलिस ने भी आरोपी के पश्चिमपुरी और लोहामंडी क्षेत्र स्थित घरों पर दबिश दी, लेकिन वो नहीं मिला। वहीं दोस्तों और परिचितों के बारे में जानकारी जुटाई। 4 दोस्तों ने अपने मोबाइल बंद कर लिए हैं। पुलिस परिचितों के घर भी पहुंची है। मगर, कई परिचित भी पुलिस के सामने नहीं आ रहे हैं। आरोपी दिव्यांश के बारे में कुछ पता नहीं चल सका है।
सीसीटीवी कैमरे में कैद है घटना
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि पुलिस टीम को आरोपी की गिरफ्तारी के लिए लगाया गया है। घरवालों को नोटिस भी दिया गया है। थाना शाहगंज से इनाम घोषित करने को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने पर इनाम घोषित कर दिया जाएगा। उधर, सीसीटीवी कैमरे में घटना कैद हुई थी। इससे आरोपी को राहत नहीं मिलने वाली। आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस जेल भेजेगी।
पूर्व मंत्री की पुत्रवधू पर दर्ज केस में लगाई थी फाइनल रिपोर्ट
पूर्व मंत्री के नाती दिव्यांश चौधरी के खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगे हैं। मगर, यह पहला मामला नहीं है, जब पूर्व मंत्री के परिवार के व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज हुआ। 4 साल पहले उनकी पुत्रवधू के खिलाफ आत्महत्या के लिए विवश करने की धारा में मुकदमा दर्ज हुआ था। मगर, पुलिस ने विवेचना के 12 महीने बाद फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी।
मामला अप्रैल 2020 का है। तब कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन लगा हुआ था। उस समय चौधरी उदयभान सिंह राज्य मंत्री थे। उनके दिवंगत पुत्र मंजीत की पत्नी सीमा चौधरी के सिकंदरा के कारगिल पेट्रोल पंप चौराहा स्थित शांति फूड कोर्ट रेस्टोरेंट में शिलांग निवासी एल्ड्रिन लिंगदोह नौकरी करता था। उसने रेस्टोरेंट में आत्महत्या कर ली थी।
सुसाइड नोट अपने रिश्तेदार को व्हाट्सएप पर भेजा था। अंग्रेजी में लिखा नोट रिश्तेदारों ने मेघालय की तत्कालीन एडीजी कानून व्यवस्था ईडा शीशा को भेजा था। उन्होंने तत्कालीन एडीजी अजय आनंद को जानकारी दी थी। इसके बाद पुलिस रेस्टोरेंट पहुंची थी। एल्ड्रिन का शव फंदे पर लटका मिला था। कर्मचारी ने सीमा को आत्महत्या के लिए जिम्मेदारी ठहराया था। वह थाना शाहगंज में दर्ज जानलेवा हमले के मामले में आरोपी दिव्यांश की मां हैं। वह पिता के घर में रह रहीं थीं।
उधर, सीमा चौधरी ने तर्क दिया था कि कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया था। इसके बावजूद यहां पर आया था। वह सीढ़ी लगाकर रेस्टोरेंट में घुस गया। मामले में आत्महत्या के लिए विवश करने की धारा में मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने एक साल तक विवेचना के बाद फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी।