शामली के शहीद अंकित कुमार तोमर के गांव के संपर्क मार्ग का नाम अब उनके नाम पर होगा। पिछले सप्ताह पुलिस स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस का मनोबल बढ़ाने वाली यह अकेली घोषणा नहीं की। उन्होंने यह भी कहा कि जल्दी ही सवा लाख सिपाहियों की भर्ती की जाएगी जिससे पुलिस वालों को साप्ताहिक अवकाश न मिलने की समस्या दूर हो जाएगी।
लखनऊ के विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद पुलिस में जैसी प्रतिक्रिया देखने को मिली थी, उसके आलोक में यह घोषणा अपेक्षित थी और यह मरहम भी साबित हुई। यूं तो योगी ने और भी घोषणाएं कीं पर सबसे अहम है, पुलिस आधुनिकीकरण के लिए तीन सदस्यीय आयोग बनाने का निर्णय।
यूपी पुलिस को आदिम बताने वाली तो कई कहानियां हैं लेकिन, वह जिन विषम स्थितियों और दबावों में काम करती है, वे सामने नहीं आ पाते। दारोगा और सिपाही वर्षों बिना छुट्टी ड्यूटी करते रहते हैं। इससे वे हमेशा तनाव में रहते हैं और इसीलिए कई बार आत्महत्या तक कर बैठते हैं। खराब कानून व्यवस्था के कारण ही यूपी आने में उद्यमियों के हौसले पस्त हो जाते हैं। इसलिए यदि योगी सरकार वास्तव में पुलिस का आधुनिकीकरण कर सकी तो यह उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था बेहतर करने की दिशा में बड़ा और स्थायी कदम होगा।