पिथौरागढ़ के बोरागांव निवासी सूरज वर्मा ने संगीत के जुनून के चलते सात साल पहले इंजीनियरिंग में चयन होने के बावजूद पढ़ाई छोड़ दी। मुंबई जाकर एक साल तक संगीत की तालीम ली और अपना रॉक बैंड शुरू किया।

देशभर में लाइव शो करने वाले सूरज एक प्रोग्राम का एक से डेढ़ लाख रुपये चार्ज लेते हैं। हुनर व शौक को जुनून तक ले जाने वाले सूरज युवाओं के लिए मिसाल बन रहे हैं। इंडो फ्यूजन यू-ट्यूब चैनल पर प्रसारित सूरज के पहले ऑफिशियल वीडियो गीत को 21 लाख से अधिक व्यूअर मिल चुके हैं। सूरज के पिता त्रिलोक वर्मा डिफेंस में कार्यरत हैं। जबकि मां कमला देवी गृहिणी हैं। वर्तमान में परिवार हल्द्वानी में रहता है।
इस तरह शुरू हुआ संगीत का सफर
26 वर्षीय सूरज ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई अल्मोड़ा बीरशिबा स्कूल से की। सूरज स्कूल टाइम से ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया करते। 2012 में इंडियन आइडियल के टॉप 30 तक पहुंचे। संगीत का शौक था, इसलिए एआइ ट्रिपल ई परीक्षा पास करने के बावजूद मुंबई चले गए और अभिजीत घोषाल व उस्ताद उस्मान खां से संगीत की तालीम ली। 2013 में इंडो फ्यूजन नाम से रॉक बैंड शुरू किया।
पहले शो के मिले थे पांच हजार रुपये
गीत लिखने से लेकर संगीत देने व गायन तक का काम सूरज खुद करते हैं। सूरज के भाई संजय वर्मा ड्रमर की भूमिका में रहते हैं। सूरज बताते हैं कि पहले शो के पांच हजार रुपये मिले थे। देशभर में 600 से अधिक शो कर चुके हैं। दो बार दुबई में कार्यक्रम कर चुके हैं। वर्तमान में एक शो के एक से डेढ़ लाख रुपये लेते हैं। सूरज का कहना है कि जिस व्यक्ति में धैर्य व कड़ी मेहनत करने का जज्बा है, वह एक दिन अवश्य कामयाब होता है।
45 हजार रुपये वेतन की नौकरी छोड़ी
इंटरमीडिएट पास करने के बाद 2012 में सूरज ने क्लब महिंद्रा में आठ माह तक मैनेजर की नौकरी की। सूरज ने बताया कि उन्हें 45 हजार रुपये मासिक वेतन मिलता था। बाद में नौकरी छोड़ मुंबई चले गए। काम जमने के बाद दूरस्थ शिक्षा से स्नातक किया।
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