इंदौर, नईदुनिया रिपोर्टर। पिता ठेले पर फल बेचते थे मगर उन्होंने बेटी के आसमानी ख्वाबों के पर नहीं कतरे। इसके बावजूद इन ख्वाबों की ताबीर आसान नहीं थी। मगर कहते हैं कि जब आप किसी चीज को शिद्दत से चाहते हैं तो कुदरत भी आपका साथ देती है। कुछ ऐसा ही हुआ शहर की युवा कलाकार ज्वाला शेख उर्फ अफरीना के साथ।ट्रंप की चेतावनी के बाद पाकिस्तानी अधिकारियों पर बैन लगा सकता है US
दृढ़ इच्छाशक्ति के दम पर सफलता के सोपान चढ़ने की ये अनूठी दास्तान है। कड़े संघर्ष के बाद फैशन डिजाइनिंग कोर्स करने के बाद अफरीना मुंबई में बतौर कास्ट्यूम डिजाइनर स्ट्रगल करने लगीं। इस बीच एक कार्यक्रम के दौरान उनकी मुलाकात निर्देशक सत्या दुबे से हुई। जिन्होंने उन्हें अपने एलबम के लिए साइन कर लिया।
इस एलबम को ‘शेमारू’ ने रिलीज किया है। इसमें उनके काम को देखने के बाद दो मूवी ऑफर हुई। जिनमें से एक में तो वो परेश रावल जैसे नामचीन कलाकार के साथ काम कर रही हैं। दूसरी फिल्म ‘तेरे इश्क में कुर्बान’ जल्द ही रिलीज होने वाली है।
नहीं छोड़ी कास्ट्यूम डिजाइनिंग
डायरेक्टर आकाश पांडे की फिल्म ‘भंवर’ से कास्ट्यूम डिजाइनिंग की शुरुआत करने वाला अफरीना शेख कहती हैं कि मेहनत का जज्बा हो तो किस्मत भी साथ देती है।
‘लहू के दो रंग’ फिल्म के निर्देशक आकाश से मेरी मुलाकात अनायास ही एक रेस्टोरेंट में हो गई और मैंने उन्हें अपनी डिजाइंस दिखाईं तो उन्हें पहली ही नजर में उन्होंने अपकमिंग मूवी के लिए सिलेक्ट कर लिया।
वो कहती हैं कि इस फिल्म के लिए मैंने वेस्टर्न वियर के साथ ट्रेडीशनल ड्रेसेस भी डिजाइन की हैं। फिलहाल अनुपम खेर की एक मूवी के लिए कास्ट्यूम डिजाइन कर रही हूं।