भट्ठा मजदूर की झोपड़ी में घुस और उसके हाथ-पैर बांधकर उसके सामने ही तमंचे के बल पर उसकी 17 साल की बेटी से तीन युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोप है कि मामले में भट्ठा मालिक और शहजाद नगर पुलिस ने पीड़ित परिवार को किसी कानूनी पचड़े में न फंसने की सलाह देकर गुमराह किया। पुलिस महकमा परिवार पर ही बयान बदलने और तहरीर न देने की बात कह रहा है।
पटवाई थाना क्षेत्र का एक ग्रामीण परिवार के साथ शहजादनगर थाना क्षेत्र के एक गांव में ईंट-भट्ठा पर मजदूरी करता है और भट्ठे के करीब ही झोपड़ी बनाकर रहता है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि सोमवार रात को तीन लोग तमंचाधारी युवक झोपड़ी के अंदर घुस आए। उन्होंने किशोरी के पिता को तमंचे का खौफ दिखा उसके हाथ-पैर बांधकर बैठा दिया।
उसके सामने ही किशोरी के मुंह पर लिहाफ डालकर रात 9 बजे से 11.30 बजे तक बारी-बारी से दुष्कर्म किया। बाद में किशोरी के शोर मचाने पर आरोपी फरार हो गए। मौके पर आए लोगों ने मजदूर के हाथ-पैर खोले। पीड़िता की ओर से मामले की जानकारी दिए जाने पर पीड़ित परिवार थाने आ गया।
किशोरी के चाचा का आरोप है कि शहजाद नगर थाने के कर्मचारियों ने कार्यवाही और मेडिकल के लिए लड़की को 8-10 दिन थाने में रखने की बात कही। इसके बाद पीड़ित परिवार बिना तहरीर दिए आ गया। एएसपी अरुण कुुमार ने सिंह भी मौके पर जाकर मामले की जानकारी ली।
तीन लोगों ने झोपड़ी में घुसकर लड़की के साथ रात 9 बजे से 11.30 तक गलत काम किया है। भट्ठा मालिक ने भी पुलिस के पचड़े में न फंसने को कहा है, पुलिस वाले भी कह रहे हैं कि कार्यवाही और मेडिकल के लिए आठ से दस दिन तक रुकना पड़ेगा।
पीड़ित किशोरी के चाचा
पुलिस वाले हमसे आठ-दस दिन रुकने को कह रहे हैं। लड़की को कैसे हम थाने में छोड़ दें
महिला उत्पीड़न के मामले में तत्काल रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश हैं। घटना में पिता-पुत्री अपना बयान बदल रहे हैं। तहरीर भी नहीं दी है, लड़की मेडिकल के लिए भी तैयार नहीं है। यह आरोप गलत है कि किसी पुलिस वाले ने उनसे ऐसा कहा है कि रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद दस दिनों तक थाने में बैठना पड़ेगा। अगर किसी ने ऐसा कहा है तो उसका नाम बताएं। ऐसा भी नहीं है कि मामले को ठंडे बस्ते डाल दिया गया है। पुलिस अपनी जांच कर रही है। तहरीर मिलने पर रिपोर्ट दर्ज कार्रवाई की जाएगी।