कानपुर शहर में हिंदू समुदाय की युवतियों को प्रेम संबंध में फंसाकर शादी करने के बाद जबरन धर्मपरिवर्तन कराने के खेल में पाकिस्तानी संगठनों का हाथ होने की बात सामने आई है। एसआईटी को मिली जानकारी के अनुसार जबरन धर्मपरिवर्तन कराने वालों को इन्हीं संगठनों की ओर से फंडिंग भी की जा रही है।
पाकिस्तानी संगठन दावते इस्लामी के 50 हजार से अधिक अनुयायियों के शहर में रह कर समुदाय के लोगों की मानसिकताबदलने की जानकारी मिली है। एसआईटी ने मुखबिरों को सतर्क कर उनकी हर गतिविधि पर नजर रखने के आदेश दिए हैं। टीम एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप सकती है। शहर में जबरन धर्मपरिवर्तन के कई मामले मिलने के बाद आईजी मोहित अग्रवाल ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था।
एसआईटी के प्रभारी सीओ विकास पांडेय ने बताया कि सभी मामलों की जांच करने के बाद पता चला कि सभी आरोपियों का जुड़ाव शहर की ऐसी मस्जिदों से है, जहां पाकिस्तान कट्टरपंथी विचारधारा के संगठन दावते इस्लामी का कब्जा है। संगठन के अनुयायी शहर का हेडक्वार्टर कही जाने वाली डिप्टी पड़ाव स्थित एक मस्जिद से संगठन का संचालन कर जबरन धर्मपरिवर्तन कराने की सोच का प्रचार प्रसार करते हैं।
हेडक्वार्टर से जुड़ी करीब दो दर्जन अन्य मस्जिदों में भी दावते इस्लामी का ही हस्तक्षेप होने की जानकारी मिली। जूही लाल कॉलोनी के सभी मामलों में आरोपियों और उनके परिजनों का जुड़ाव भी एक ही मस्जिद से होने की बात सामने आने के बाद एसआईटी ने अपनी जांच का रुख इस ओर मोड़ दिया है। पूर्व में इस संगठन की जांच पड़ताल में एटीएस भी जुटी हुई थी।
एसआईटी प्रभारी के अनुसार इस्लामिक संगठन को देश से करोड़ों रुपयों का चंदा दिए जाने की बात सामने आई है। एसबीआई के एक खाते में यह सारा पैसा एकत्रित किया जाता है, जो जबरन धर्मपरिवर्तन कराने वालों की मदद में इस्तेमाल किया जाता है। एसआईटी शहर से इस संगठन को दिए जाने वाले चंदे का भी डाटा खंगालने में जुटी है।
नोडल अधिकारी एसपी साउथ दीपक भूकर ने बताया कि दावते इस्लामी के अलावा भी कई संगठनों के विषय में जानकारी मिली है। इनके संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है। सोशल मीडिया पर भी इन संगठनों की गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। यू-ट्यूब पर भी संगठनों के विषय में जानकारी उपलब्ध है, जिनमें चंदे के लिए खातों की भी जानकारी उपलब्ध कराई गई है। शहर की मस्जिदों में मुखबिरों को सतर्क कर दिया गया है।