पाकिस्तान सरकार द्वारा स्कूल के सिलेबस में कुरान पढ़ाने के प्रस्ताव को काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (CII) ने रिजेक्ट कर दिया है. पाकिस्तानी सरकार ने इससे पहले भी 10वीं क्लास तक कुरान पढ़ाने का प्रस्ताव दिया था.
मिनिस्ट्री ऑफ फेडरेशन एजुकेशन एंड प्रोफेशनल ट्रेनिंग ने इसके बाबत 10वीं क्लास तक के स्टूडेंट्स को कुरान की आयतें पढ़ने के लिए कुछ किताबें भेजी थीं.पाकिस्तान को लगा करारा झटका, स्कूलों में नहीं पढ़ाई जाएगी कुरान
आखिर क्यों रिजेक्ट हुए कुरान के प्रस्ताव?
1- CII ने इन किताबों में बहुत सारी त्रुटियां होने की वजह सेप्रस्ताव खारिज कर दिया.
2- धारा 20 अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार का घोर उल्लंघन है-
a- इसके बाबत काउंसिल ने माता-पिता की जिम्मेदारी और बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर हेग कन्वेंशन का आयोजन किया. यह काउंसिल लॉ मिनिस्ट्री द्वारा भेजा गया था और इसमें ऐसी हिदायतें थीं कि पाकिस्तान इस पर दस्तखत न करे.
b- इसके अलावा काउंसिल ने कहा कि धारा 20 जिसमें बच्चों की सुरक्षा की बातें कही गई हैं. अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों का घोर उल्लंघन है.
इस मीटिंग की अध्यक्षता CII के चेयरमैन मौलाना मोहम्मद खान शीरानी कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हेग सम्मेलन की कुछ धाराएं पाकिस्तानी संविधान से मेल नहीं खातीं.
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