आतंकियों को पनाह देने वाले पड़ोसी देश पाकिस्तान को कश्मीर मामले पर एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है. पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कश्मीर का मुद्दा उठाना चाहा, लेकिन पाकिस्तान को चीन के साथ के अलावा किसी और देश का साथ नहीं मिला. इस मुद्दे पर यूएनएससी में चीन के अलावा बाकी सभी सदस्य देशों ने भारत का साथ दिया. सभी सदस्य देशों ने कश्मीर को द्विपक्षीय मामला बताया.
पाकिस्तान ने फिर की कश्मीर मुद्दे को उठाने की कोशिश
भारत ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस्लामाबाद को नई दिल्ली के साथ सामान्य संबंध सुनिश्चित करने के लिए प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. पाकिस्तान का प्रयास बुधवार को एक बार फिर असफल हो गया क्योंकि सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्य देशों का मानना है कि कश्मीर, भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला है. सुरक्षा परिषद परामर्श कक्ष में बंद कमरे में हुई बातचीत के दौरान पाकिस्तान ने ‘‘अन्य मामलों’’ के साथ कश्मीर मुद्दे को एक बार फिर उठाने की कोशिश की.
कश्मीर मुद्दे को ज्यादा महत्व नहीं दिया गया
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘‘हमने एक बार फिर देखा कि संयुक्त राष्ट्र के एक सदस्य द्वारा उठाया गया कदम दूसरों द्वारा सिरे से खारिज कर दिया गया.’’ अकबरुद्दीन ने कहा, ‘‘हम खुश हैं कि संयुक्त राष्ट्र के मंच पर आज पाकिस्तानी प्रतिनिधियों द्वारा पेश की गई भय उत्पन्न करने वाली स्थिति और निराधार आरोप विश्वसनीय नहीं पाए गए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम खुश हैं कि इस प्रयास को भटकाने वाला पाया गया और कई मित्रों ने इस बात का उल्लेख किया गया कि भारत और पाकिस्तान के संबंधों के बीच मौजूद समस्याओं को उठाने और उससे निपटने के लिए कई द्विपक्षीय तंत्र है.’’ सुरक्षा परिषद की बैठक में शामिल हुए एक यूरोपीय सूत्र ने बताया कि बंद कमरे की बैठक में कश्मीर मुद्दे को ज्यादा महत्व नहीं दिया गया.
अकबरुद्दीन ने की चीनी राजदूत झांग जून के साथ बैठक
शीर्ष यूरोपीय राजदूत ने कहा कि मामले को द्विपक्षीय तौर पर निपटाना चाहिए और यह उनके आपस का मामला है. चीनी राजदूत झांग जून के साथ बैठक के बाद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘‘हमने जम्मू-कश्मीर पर बैठक की और मुझे विश्वास है कि आप सबको पता होगा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने सुरक्षा परिषद को पत्र लिख जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर गौर करने को कहा है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान का मुद्दा हमेशा सुरक्षा परिषद का एजेंडा रहा है और आज भी हमने कुछ तनाव देखा, तो सुरक्षा परिषद ने बैठक की, सदस्यों ने अपने विचार साझा किए.’’ वहीं, झांग जून ने बाद में कहा कि चीन ने अपना ‘‘रुख बेहद स्पष्ट कर दिया है. हम कश्मीर की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित रहें