दुनिया के सामने मानवाधिकारों की दुहाई देने वाले पाकिस्तान के हुक्मरान अपने मुल्क में लगातार बढ़ती महिला उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर घिरते नजर आ रहे हैं। पाकिस्तान में महिलाओं के प्रति अपराधों का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है। हालात इतने खराब हैं कि महिलाओं के लिए पाकिस्तान को दुनिया का छठा खतरनाक देश माना गया है। जर्नल ऑफ इंटरनेशनल वुमन स्टडीज में प्रकाशित एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं के लिए खतरनाक देशों की सूची में पाकिस्तान छठे पायदान पर है। यहां तक कि छात्राओं को शारिरिक उत्पीड़न से बचाने के लिए स्कूलों को ड्रेस कोड लागू करना पड़ रहा है।
ताजा मामला खैबर पख्तूनख्वां प्रांत के हरिपुर जिले का है जहां एक स्कूल ने छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न से छात्राओं को बचाने के लिए ड्रेस कोड लागू किया है। हरिपुर जिले की जिला शिक्षा अधिकारी समीना अल्ताफ ने सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों और हेडमास्टरों को छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सर्कुलर जारी किया है। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूलों से कहा गया है कि वे छात्राओं के लिए नया ड्रेस कोड लागू करें। सभी छात्राओं को किसी भी अनैतिक घटना से बचाने के लिए घूंघट, अबाया, हिजाब या चादर का इस्तेमाल करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
शिक्षा अधिकारी समीना ने कहा कि छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न की लगातार बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यह कदम उठाना बेहद जरूरी था। छात्राओं में दुपट्टे का प्रचलन तेजी से बढ़ा है जो कि उनके शरीर को पूरी तरह नहीं ढंक पाता। छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए हर एक छात्रा को पुलिस सुरक्षा नहीं मुहैया कराई जा सकती है। इसलिए प्रशासन ने छात्राओं के ड्रेस कोड को बदलने का फैसला लिया है। पाकिस्तान में प्रशासन के इस कदम की आलोचनाएं भी होने लगी है।
जर्नल ऑफ इंटरनेशनल वुमन स्टडीज में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में महिलाओं पर एसिड अटैक की घटनाएं बढ़ी हैं। यही नहीं जबरिया निकाह, बाल निकाह, महिलाओं का यौन उत्पीड़न, कन्या भ्रूण हत्या जैसी घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में होने वाले अपराधों में अकेले एक तिहाई वारदातें घरेलू हिंसा की हैं। एनजीओ साहिल द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017 के पहले छमाही की तुलना में 2018 के पहले छह महीनों में बाल शोषण के मामलों में 32 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़कों से यौन उत्पीड़न के मामलों में 47 फीसद बढ़ोतरी हुई है, जबकि लड़कियों के यौन शोषण के मामलों में 22 फीसद की वृद्धि हुई है।