डाक टिकटों पर भी रामराज छाया हुआ है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर से लेकर रामायण के विभिन्न प्रसंगों से जुड़े तमाम डाक टिकटों को भी समाहित किया गया है, जिससे कि युवा पीढ़ी डाक टिकटों के माध्यम से अपनी संस्कृति से अवगत हो सके।
रामनवमी की पूर्व संध्या पर डाक विभाग ने रामनवमी पर आधारित विशेष आवरण और विरुपण तैयार किया है। इसका विमोचन मंगलवार को वाराणसी और प्रयागराज परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने किया। इसमें हाथ में धनुष लिए भगवान राम की आकृति बनी है।
प्रयागराज स्थित प्रधान डाकघर में होने वाले कार्यक्रम में कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि भगवान श्रीराम हमारे आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों की अभिव्यक्ति करते हैं। प्रयागराज से भी भगवान राम का गहरा नाता रहा है। वनवास के बाद जब श्रीराम, सीता माता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या से निकले तो प्रयागराज में निषादराज ने उन्हें अपनी नाव से गंगा पार कराया।
डाक विभाग लोगों को अपनी विरासत और संस्कृति से जोड़ने के लिए डाक टिकटें और विशेष आवरण जारी करता है। भारत के साथ-साथ विश्व के 20 से ज्यादा देशों ने रामायण से जुड़े चरित्रों और कथानकों पर समय-समय पर डाक टिकट जारी किए हैं।
ये डाक टिकट पत्रों पर लगकर विदेशों में भी जाएंगे, और रामायण की गाथा को लोगों तक फैलाएंगे। इस दौरान निदेशक डाक सेवाएं गौरव श्रीवास्तव, प्रवर अधीक्षक डाकघर अभिषेक श्रीवास्तव, प्रयाग फिलाटेलिक सोसाइटी के अध्यक्ष प्रमोद कुमार बंसल, राहुल गांगुली मौजूद रहे।