यह शहर पहाड़ की चोटी पर स्थित है। यहां सड़कों का जाल बिछा हुआ है। ये सड़के एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। यहाँ घुमने के लिए जाया जा सकता है। यहाँ घूमने के लिए कई स्थल है जहा की खूबसूरती देखकर सभी का मन यही कहता है की बस यही रहे और कही न जाये।
हसीन वादियां, दिलकश नज़ारे, ऊँचे ऊँचे वृक्ष, ठंडी मंद मस्त हवाएँ, रंग बिरंगे फूल, उन फूलों की मदहोश करने वाली खुशबु, बर्फीली घाटियां और रूईनुमा उड़ती बर्फ के खुशनुमा एहसास से दार्जिलिंग का एक यादगार सफर तय किया जा सकता है। दार्जलिंग चाय के बागानों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की चाय विश्व मे प्रसिद्ध है। यहाँ के देखने लायक स्थलों मे सक्या मठ, ड्रुग-थुब्तन-साङ्गग-छोस्लिंग-मठ, जापानी मंदिर (पीस पैगोडा), ट्वॉय ट्रेन, चाय उद्यान आदि प्रसिद्ध जगह है।
लेकिन फिर भी इस जगह को नक्सलियों द्वारा खराब किया जा रहा है। भाषा विवाद और अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोरचा के आंदोलन से दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र में पैदा हुए हालात हो गए है। इस दौरान सैलानियों की कारों को निशाना बनाने और उनसे बदसलूकी की खबरें हैं। इसकी वजह से इसकी सुंदरता भी खत्म होती जा रही है। दार्जलिंग की हरी भरी घाटियों को देखने का मज़ा इन लोगो की वजह से किरकिरा हो गया है।
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