मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकी घोषित करने से चीन के वीटो कर बचा लिया था। इसके बाद भारत में पाकिस्तान के साथ ही चीन के खिलाफ भी आक्रोश की लहर चल पड़ी है। इसे देखते हुए देश के कई शहरों में चीन के सामानों का बहिष्कार किया जा रहा है और कई जगह उनकी होली जलाई जा रही है। इस खबर के चीन पहुंचने पर चीन ने कहा कि भारत को पसंद हो या नहीं हो, लेकिन वह हमारे समान को नजरअंदाज नहीं कर सकता है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीयों को को पसंद हो या नहीं उन्हें चीनी सामान का इस्तेमाल तो करना होगा। इस लेख में लिखा है कि भारत का विनिर्माण उद्योग अभी भी अविकसित है और इसमें प्रतिद्वंद्विता की क्षमता नहीं है। इसी वजह से यहां ‘बॉयकॉट चाइनीज प्रोडक्ट्स’ मुहिम लंबे समय से अब तक असफल होती रही है।
मंगलवार को लिखे गए ब्लॉग में कहा गया है कि कुछ भारतीय विश्लेषक ‘मेड इन चाइना’ सामान के बहिष्कार की बात कर रहे हैं। खासतौर पर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रयास को यूएन में चीन द्वारा रोक लगाए जाने के बाद से यह विरोध बढ़ गया है। ट्विटर पर ‘हैशटैग बॉयकॉट चाइनीज प्रॉडक्ट्स’ भी काफी लोकप्रिय रहा।
मगर, इतने सालों में ये बहिष्कार असफल क्यों हुआ? इसलिए क्योंकि भारत खुद इन सामानों का उत्पादन नहीं कर सकता है। लेख में आगे कहा गया है कि लोगों का ध्यान चीन की ओर भटकाने से देश के भीतर की समस्याएं हल नहीं होंगी। नई दिल्ली को यह बात समझनी चाहिए कि भारतीय लोगों का ध्यान चीन की ओर भटकाने से उनकी आंतरिक समस्याएं और गंभीर ही होंगी।
भारत और चीन के बीच संबंध बीते कुछ सालों में बेहतर हुए हैं। व्यापार घाटे को हल करने के लिए बीजिंग कोशिश कर रहा है। लेख में भारतीय नेताओं को यह भी सलाह दी गई है कि ट्विटर पर सिर्फ नारेबाजी करने के बजाय देश की असली ताकत को सुधारने पर जोर देना चाहिए।