पंजाब में आतंकी मॉड्यूल का पता लगाने के लिए अब नई रणनीति

बैठक में विशेष डीजीपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) कुलदीप सिंह, विशेष डीजीपी आंतरिक सुरक्षा आरएन ढोके, एडीजीपी एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) प्रमोद बान, पुलिस कमिश्नर (सीपी), रेंज आईजीपी व डीआईजी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) उपस्थित थे।

जम्मू-कश्मीर के डीजीपी और बीएसएफ के साथ इंटरस्टेट कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक के बाद पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने शुक्रवार को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ), प्रदेश के हर रेंज आईजी व डीआईजी के अलावा एसएसपी के साथ ऑनलाइन बैठक की। कठुआ में हुए आतंकी हमले के बाद पंजाब को भी अलर्ट पर रखा गया है।

इस बारे में डीजीपी गौरव यादव ने बैठक में पुलिस की प्रमुख जांच एजेंसियों के चीफ के साथ प्रदेश में ऑपरेट कर रहे आतंकी मॉड्यूल का पता लगाने और उन पर सख्त कार्रवाई करने को लेकर नई रणनीति को साझा किया। बैठक में मौजूद अफसरों ने बताया कि पुलिस की हर एजेंसी को आपस में इनपुट शेयर करने के लिए कहा गया है ताकि यह इनपुट केंद्र के अलावा पड़ोसी राज्यों के साथ भी साझा किया जा सके। इस दौरान विशेष डीजीपी आंतरिक सुरक्षा आरएन ढोके ने डीजीपी पंजाब को बताया कि इस वर्ष पुलिस ने पांच आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के बाद 35 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है।

एडीजीपी एजीटीएफ प्रमोद बान ने फील्ड अधिकारियों से कहा कि वे अपने संबंधित जिलों में किसी भी संभावित आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए जमानत पर छूटे अपराधियों और गैंगस्टरों की गतिविधियों पर नजर रखें। इस पर पंजाब डीजीपी ने हर सप्ताह प्रदेश के सभी एसएसपी को जिले के सभी थाना प्रभारी के साथ आपराधिक घटनाओं की समीक्षा करने के आदेश दिए हैं, साथ ही कोई नया इनपुट मिलने पर उसे प्रमुख जांच एजेंसियों के साथ साझा करने की सख्त हिदायत दी है।

बड़े नशा तस्करों को दबोचने की योजना, 12 हजार वीएलडीसी बनेंगे
प्रदेश में ड्रग्स के बढ़ते कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए डीजीपी ने निरंतर फॉलोअप करने की हिदायत दी है। फील्ड अधिकारियों को बड़ी मछलियां पकड़ने और सभी ड्रग मामलों में आगे और पीछे की कड़ी स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस कमिश्नर और एसएसपी को एनडीपीएस अधिनियम की धारा 68एफ के तहत बड़ी मछलियों की अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को फ्रीज करने का भी निर्देश दिया। राज्य में अधिक से अधिक ग्राम स्तरीय रक्षा समितियां (वीएलडीसी) बनाने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है। कम से कम 12 हजार वीएलडीसी बनाने का लक्ष्य देते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव में एक वीएलडीसी होना चाहिए। वर्तमान में राज्य में 6500 वीएलडीसी हैं, जो जमीनी स्तर पर सुरक्षा बलों को वास्तविक समय की जानकारी साझा करने में मदद कर रही हैं, जिससे राज्य में ड्रग नेटवर्क को तोड़ने में मदद मिल रही है।

छोटे अपराधों में ढील बरतने पर होगी कार्रवाई
डीजीपी ने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि फील्ड अधिकारी आमतौर पर छोटे अपराधों में एफआईआर दर्ज करने में गुरेज करते हैं। सभी जिलों में निर्विघ्न ढंग से एफआईआर दर्ज होनी चाहिए, ताकि राज्य में कानून और व्यवस्था बरकरार रखी जा सके। अगर कोई इसमें ढील बरतते पाया जाता है, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जघन्य अपराधों में गिरफ्तारी करने और समयबद्ध तरीके से अदालत में चालान पेश करने पर ध्यान देने का निर्देश दिया।

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