नियमों के अनुसार सेवानिवृत्ति के समय सरकारी कर्मचारी अपनी मासिक पेंशन का अधिकतम 40 प्रतिशत कम्युटेड कर सकता है। सेवानिवृत्त कर्मचारी को यह राशि एक मुश्त दी जाती है। याचिका में कहा गया था कि इस राशि पर 8 प्रतिशत ब्याज वसूलने का प्रावधान है, लेकिन सरकार मनमाने तरीके से इसकी वसूली कर रही है।
पंजाब के 6 लाख पेंशनभोगियों को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने कम्युटेड पेंशन की राशि वसूलने को चुनौती देने वाली करीब 800 याचिकाओं को खारिज कर दिया है। सेवानिवृत्ति के 15 साल तक यह राशि वसूली जाती है।
याचिकाओं में बताया गया कि नियमों के अनुसार सेवानिवृत्ति के समय सरकारी कर्मचारी अपनी मासिक पेंशन का अधिकतम 40 प्रतिशत कम्युटेड कर सकता है। सेवानिवृत्त कर्मचारी को यह राशि एक मुश्त दी जाती है। याचिका में कहा गया था कि इस राशि पर 8 प्रतिशत ब्याज वसूलने का प्रावधान है, लेकिन सरकार मनमाने तरीके से इसकी वसूली कर रही है। याची ने बताया कि लोन के रूप में ली गई राशि की कटौती हर माह मिलने वाली पेंशन से होती है। सरकार एक फॉर्मूला के तहत ब्याज लगाते हुए यह राशि वसूलती है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि और यह कटौती साढ़े 11 वर्ष में पूरी हो जानी चाहिए। ऐसा न करते हुए सरकार 15 साल तक पेंशन से यह राशि काट रही है जो पूरी तरह से गलत है। याची ने कहा कि सरकार को इस प्रकार से मनमाने तरीके से ब्याज वसूलने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। याचिकाओं में हाईकोर्ट से अपील की गई थी कि अतिरिक्त राशि की वसूली पर रोक लगाई जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि इस प्रकार के मामलों में अदालत का दखल ठीक नहीं है। इस मामले में याचिकाकर्ता ऐसा साबित करने में नाकाम रहे हैं कि उनके साथ कोई अन्याय हुआ है। इन टिप्पणियों के साथ ही हाईकोर्ट ने याचिकाएं खारिज कर दी।
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