अप्रैल 2024 से पहले पंजाब में बिना सेल डीड के जो भी अवैध निर्माण हुए हैं, उन्हें रेगुलराइज किए जाने या कोई समाधान निकालने के लिए एक प्रस्ताव द पंजाब लॉज एक्ट-2018 के तहत सरकार के पास विचाराधीन है। इस पर सरकार के स्तर पर फैसला होगा।
पंजाब सरकार ने राज्य में अवैध कॉलोनियों के बढ़ते दायरे को रोकने के लिए सख्त कदम उठाया है। सरकार ने प्रदेश में अप्रैल 2024 के बाद बिना सेल डीड के हुए अवैध निर्माण को तोड़ने के आदेश जारी किए हैं। पंजाब हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट ने प्रदेश के स्थानीय निकायों को 30 अप्रैल के बाद नए अवैध निर्माणों को तोड़ने के लिए गूगल के पुख्ता इमेजेस का डाटा भी खंगालने के लिए कहा है।
विभाग के अनुसार इस अवधि में प्रदेश में 250 के करीब अवैध निर्माण हुए हैं। इनको गिराने के लिए विभाग जल्द ही विशेष अभियान चलाएगा। अप्रैल 2024 से पहले प्रदेशभर में बिना सेल डीड के जो भी अवैध निर्माण हुए हैं, उन्हें रेगुलराइज किए जाने या कोई समाधान निकालने के लिए एक प्रस्ताव ‘द पंजाब लॉज (स्पेशल प्रोविजन फॉर रेगुलराइजेशन ऑफ अनअथॉराइज्ड कॉलोनीज) एक्ट’-2018 के तहत सरकार के पास विचाराधीन है। इस पर सरकार के स्तर पर फैसला होगा।
पंजाब हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट के सचिव राहुल तिवारी ने पटियाला, बठिंडा, लुधियाना, जालंधर और अमृतसर जोन के चीफ एडमिनिस्ट्रेटरों और जिला अधिकारियों को आदेश भेज दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जहां भी नया अवैध निर्माण हो रहा है उसको ढहाने की प्रक्रिया शुरू की जाए। इसके अलावा पुरानी अवैध कॉलोनियों में जहां भी बीते तीन महीनों में बिना सेल डीड के (मई से 31 जुलाई 2024 तक) निर्माण हुए हैं, उनके ऊपर भी कार्रवाई की जाए।
सेल डीड से जुड़े दस्तावेजों का सत्यापन करेगा विभाग
31 जुलाई 2024 से पहले जिन अवैध कॉलोनियों में प्रॉपर्टी को लेकर सेल डीड हुई है, उनके रिकॉर्ड और दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा। इसके लिए पंजाब हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट ने स्थानीय निकाय विभाग से भी दस्तावेजों के सत्यापन में मदद मांगी है। पुराने सेल डीड का रिकॉर्ड हर जिला में निकायों के पास भी उपलब्ध है। प्रदेश में कई ऐसी कॉलोनी है, जिनकी सेल डीड 19 मार्च 2018 से पहले हुई है, ऐसे में इनके रिकॉर्ड की वेरिफिकेशन में विभाग को एक बड़े स्तर पर अटकलों का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि पुराने रिकॉर्ड को खंगलाना और उनकी वेरिफिकेशन एक बड़ी चुनौती है। जहां प्रदेश में 15 हजार अवैध कॉलोनी से जब जुड़ा मामला हो।