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एक अफसर का वेतन 50 हजार होता है यदि उसे दस हजार निकाल दें तो कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन किसी छोटे कर्मचारी का वेतन दस हजार ही है और वह भी नहीं मिले तो उसे ऐसी जिंदगी जीने में बहुत मुश्किल होती है।
एक अफसर का वेतन 50 हजार होता है यदि उसे दस हजार निकाल दें तो कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन किसी छोटे कर्मचारी का वेतन दस हजार ही है और वह भी नहीं मिले तो उसे ऐसी जिंदगी जीने में बहुत मुश्किल होती है। मैं ऐसी जिंदगी से तंग आ चुकी हूं। सॉरी मां हमें माफ कर देना मैं हार गई हूं।’ ये लाइन लिखी हैं एक एएनएम ने अपने सुसाइड नोट में जिसकी लाश शुक्रवार को उसके कमरे में पंखे से लटकती मिली।
राजपति नगर की रहने वाली अर्चना (30) पत्नी सुशील कुमार किराए के मकान में रहती थीं। वह गेंगासो उपकेंद्र पर संविदा पर एएनएम पद पर तैनात थीं। पड़ोस के लोगों ने बताया कि गुरुवार से घर के दरवाजे नहीं खुले थे।
फोन मिलाया जा रहा था लेकिन रिसीव नहीं हो रहा था। शुक्रवार को मोहल्ले के लोग दीवार फांदकर भीतर घुसे तो लाश पंखे से लटकती मिली।
अर्चना की साथियों को शक है कि हत्या करके उसकी लाश फंदे पर लटकाई गई। जानकारी के मुताबिक अर्चना की शादी 2009 में हुई थी। उसका पति फार्मासिस्ट है और उसकी डेढ़ साल की बच्ची भी है। मृतका के पिता राजाराम ने भी तहरीर देकर हत्या का आरोप लगाया है।
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