निर्भया के दरिंदों ने फिर नया तिकड़म लगाया है। दोषियों के वकील एपी सिंह ने एक बार फिर शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस बार वकील ने याचिका दायर करके तिहाड़ जेल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि दोषियों के लिए क्यूरेटिव और दया याचिका दायर करने के लिए जरूरी दस्तावेज देने में देरी की जा रही है।
दोषियों के वकील एपी. सिंह की याचिका पर शनिवार को सुनवाई होने की संभावना है। वही, तिहाड जेल के प्रवक्ता राजकुमार का कहना है कि वकील को व्हाट्सएप और मेल पर कागजात भेजे जा चुके हैं। साथ ही उनके कार्यालय पर भी जेलकर्मी कागजात लेकर गया था लेकिन उनका कार्यालय बंद था। उन्होंने वकील पर मामले को लटकाने का आरोप लगाया है।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दो अन्य दोषियों विनय कुमार शर्मा (26) और मुकेश सिंह (32) की सुधारात्मक याचिका खारिज कर दी थी। चारों दोषियों को पटियाला हाउस कोर्ट से जारी किए गए नए डेथ वारंट के तहत एक फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी दी जानी है।
दोषियों के पास क्यूरेटिव और दया याचिका के विकल्प
निर्भया के एक दोषी मुकेश की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट से और दया याचिका राष्ट्रपति से खारिज होने के कारण अब मुकेश के पास कोई कानूनी विकल्प नहीं बचा है। निर्भया के एक अन्य दोषी विनय की भी क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो चुकी है। हालांकि विनय के पास दया याचिका का विकल्प है। इसके साथ ही दोषी पवन और अक्षय के पास क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों विकल्प बचा है।
निर्भया के दोषियों की फांसी की तारीख नजदीक आते ही उनसे मिलने उनके परिवार वाले जेल पहुंच रहे हैं। दोषी विनय व मुकेश के माता-पिता शुक्रवार को उनसे मिलने के लिए पहुंचे। मुकेश के माता-पिता के साथ मुकेश का एक भाई भी था। अलग अलग समय पर दोनों दोषियों को उनके परिजनों से मुलाकात कराई गई।
आधे घंटे की मुलाकात में माता पिता को देखकर दोनों दोषी फफक कर रोने लगे। माता पिता ने उन्हें ढांढस बंधाया। जेल प्रशासन का कहना है कि अभी दोषियों के परिवार वालों से मिलने पर कोई पाबंदी नहीं है। उनके परिवार वाले लगातार मिलते रहते हैं। मुलाकात के दौरान जेल के अधिकारी भी वहां मौजूद रहते हैं।
इस दौरान वह उनकी बातों को सुनते हैं और दोषियों को सामान्य करने का प्रयास करते हैं। जेल प्रशासन ने दोषियों के परिवार वालों को पत्र लिखकर उन्हें मुलाकात करने के लिए कहा था। इसके अलावा जेल प्रशासन ने दोषियों को नोटिस जारी कर कहा है कि अगर वह कोई वसीयत आदि करना चाहते हैं तो इसकी जानकारी भी दें।
निर्भया के दोषियों की फांसी की सजा को और आगे बढ़ाने के लिए शुक्रवार को फिर से उनके वकील द्वारा पटियाला हाउस में याचिका दायर करने पर दिल्ली सरकार ने कड़ी नाराजगी जताई है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दोषियों के वकील सिस्टम का मजाक उड़ा रहे हैं और केस को लटकाने के लिए रोज नए नए तरीके ढूंढ रहे हैं।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि तेजी से न्याय दिलाने के लिए कानून में बदलाव जरूरी है। निर्भया मामले में दोषियों के वकील केस के निष्पादन में देरी करने के लिए नए नए तौर तरीके अपनाकर सिस्टम के साथ मजाक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए ताकि कमियों को दूर करने के लिए कानूनों में संशोधन किया जा सके।
वकील एपी सिंह निर्भया के दोषियों अक्षय और पवन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दाखिल करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने तिहाड़ जेल से दोषियों से संबंधित कुछ कागजात की मांग की थी लेकिन कागजात नहीं मिलने पर उन्होंने शुक्रवार को याचिका दायर कर कागजात मुहैया कराने की गुहार लगाई है।
निर्भया के दोषियों को आज ही के दिन यानी अगले शनिवार सुबह छह बजे फांसी पर लटका दिया जाएगा। दोषियों की फांसी में मौजूदा हालात के मद्देनजर अब महज सात दिन बाकी है। मुकेश की दया याचिका खारिज होने के बाद अदालत ने दोषियों का नया डेथ वारंट जारी करते हुए फांसी के लिए एक फरवरी की तारीख तय की थी।
इसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि चार दोषियों में से कोई राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर कर फांसी की को टालने की कोशिश करेगा। हालांकि अभी भी याचिका का विकल्प दोषियों के पास है लेकिन अब तक दोषियों के वकील ने ऐसी कोई पहल नहीं की है।
पहले 22 जनवरी को फांसी की तारीख तय होने के बाद दोषियों के वकील एपी सिंह ने मुकेश की ओर से राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी थी। हालांकि याचिका को खारिज कर दिया गया लेकिन जेल मेनुअल के मुताबिक दया याचिका खारिज होने के बाद दोषी को 14 दिन का समय दिये जाने का प्रावधान है।
इसके मद्देनजर अदालत ने 1 फरवरी के लिए नया डेथ वारंट जारी किया था। दोषियों की ओर से अपने बचाव में कानूनी विकल्प का अब तक इस्तेमाल नहीं करने से जेल प्रशासन फांसी की तैयारी में जुट गया है। जेल प्रशासन ने दोषियों के परिवार वालों को पत्र लिखकर अंतिम मुलाकात की तारीख बताने के लिए कहा है।