दहेज की मांग करना पूरी तरह से गैर इस्लामी और जुर्म है। मस्जिदों में इमाम जुमे की नमाज से पहले खुतबे में मुसलमानों को दहेज लेने और देने जैसे बुरे काम से खुद को दूर रखने के लिए जागरूक करेंगे। इसके लिए ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने इमाम से अपील की है।
मौलाना ने कहा कि अहमदाबाद में दहेज की मांग से तंग आकर आयशा आरिफ खान ने साबरमती नदी में कूद कर खुदकुशी कर ली, जो मुस्लिम समाज के लिए चिंता का विषय है।
मौलाना ने कहा कि मस्जिदों के इमाम शुक्रवार को जुमे की नमाज में निकाह के लिए शरई आदेश के साथ शौहर और बीवी के अधिकार व कर्तव्यों की जानकारी दे, जो अल्लाह पाक और उनके रसूल ने तय किए हैं।
मौलाना ने कहा कि निकाह एक बड़ी इबादत है, लेकिन इस मौके पर कुछ लोग दहेज की मांग करते है, जो शरई तौर पर हराम है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज में तमाम लोग ऐसे हैं जो दहेज को गैर इस्लामी मानते हैं, लेकिन कुछ लोग इसे रिवाज बनाए हुए हैं। इसकी वजह से तमाम लड़कियां निकाह से महरूम है।
मौलाना ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि वो तय करे कि शादियों में न तो दहेज लेंगे और ना ही दहेज देंगे। दहेज रहित समाज की स्थापना करने पर ही लड़कियां खुदकुशी जैसा खतरनाक कदम नहीं उठाएंगी।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
