नई दिल्ली -नस्लवाद को लेकर हम आए दिन कोई न कोई घटना पड़ ही लेते है. नस्लवाद पर आज कल कोई भी टिप्पणी करता रहता है चाहे वो क्रिकेटर हो या न हो. नस्ल को लेकर ट्रोल होते रहते है खिलाड़ी, जिससे खिलाड़ियों को ठेस पहुँचती है उनके आत्म सम्मान को धक्का लगता है. कई बार तो विवादों की स्थिति बन जाती है.टीचरों ने रात में स्कूल को बनाया ‘डांस बार’, बार बालाओं से करवाई ये अश्लील हरकते…खूब लुटाए नोट
नस्लवाद को लेकर भारतीय ओपनर बल्लेबाज अभिनव मुकुंद ने भी अपनी राय टवीटर के माध्यम से रखी है.उन्होंने बताया कि उनके साथ कई बार नस्लीय भेदभाव किया गया है. टिप्पणी की गई है. मैं 10 साल से क्रिकेटर खेल रहा हूँ.
मैंने कड़ी मेहनत की है जिसकी बजह से यहाँ तक पंहुचा हूँ. भारत के लिए क्रिकेट खेलना मेरे लिए गर्व की बात होती है. यह पोस्ट से मैं किसी का ध्यान खींचने के लिए नहीं कर रहा हूँ बल्कि मै चाहता हूँ कि लोगो की सोच बदले .
अभिनव मुकुंद ने कहा की मेने कड़ी धूप में अभ्यास किया है. ये क्रिकेट को जानने वाले समझते है, मैंने बचपन से देश विदेश में खेला है. क्रिकेट को जहा मुझे मेरे रंग को लेकर मुझे चिढ़ाया गया. मेरा मजाक उड़ाया गया लेकिन मैं बता देना चाहता हूँ कि रंग से क्रिकेट में सफलता का कोई कनेक्शन नहीं है.
मै इस लिए काला हूँ, की मेने धुप में क्रिकेट खेला है या में चेन्नई का रहने बाला हु. इसलिए काला हूँ क्यों की यहाँ पर धुप ज्यादा रहती है अन्य जगह की बजाय .मैं इतना कहना चाहुंगा कि गोरे लोग ही सिर्फ अच्छे नहीं दिखते हैं. सच्चे बनो, ध्यान रखो और अपने रंग में खुश रहो.”