दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) द्वारा नगर निगम स्कूलों के लिए नियुक्त 3778 शिक्षकों के ज्वाइनिंग का रास्ता साफ हो गया है। उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के 14 अक्तूबर के आदेश पर रोक लगा दी है। कैट ने अपने आदेश इन शिक्षकों के ज्वाइनिंग पर रोक लगाते हुए डीएसएसएसबी को नये सिरे से भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी करने का निर्देश दिया था। हालांकि ज्वाइनिंग के बावजूद नये शिक्षकों के नौकरी पर कानून की तलवार लटकती रहेंगी।
जस्टिस जी.एस. सिस्तानी की अगुवाई वाली पीठ ने डीएसएसएसबी की अपील पर विचार करते हुए यह अंतरिम आदेश दिया है। डीएसएसएसबी ने कैट के 14 अक्तूबर के आदेश को चुनौती देते हुए नये शिक्षकों को नियुक्ति देने का अनुमति देने की मांग की थी। पीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कैट के आदेश पर रोक लगाते हुए नये शिक्षकों के नियुक्ति (ज्वाइनिंग) का रास्ता साफ कर दिया।
पीठ ने कहा है कि शिक्षकों की नियुक्ति इस मामले के अंतिम फैसले के परिणाम पर निर्भर करेगा। इसका मतलत डीएसएसएसबी द्वारा जारी भर्ती परीक्षा के परिणमा को चुनौती देने वाले छात्रों के हक में यदि फैसला आता है तो इनकी नौकरी जा भी सकती है। इसके साथ ही भर्ती परिणाम को कैट के समक्ष चुनौती देने वाले छात्रों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है।
इससे पहले, डीएसएसएसबी की ओर से अधिवक्ता अवनीश अहलवात ने कैट के आदेश को अनुचित बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने पीठ को बताया कि जिन छात्रों ने परीक्षा परिणाम को चुनौती दिया है उनके काफी कम अंक हैं, ऐसे में यदि दोबारा से परिणाम जारी किया जाता है तो भी उनका चयन नहीं होगा।
निगम स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों छात्रों की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने पीठ को बताया कि करीब 7 साल की लंबी लड़ाई के बाद नगर निगमों को नये शिक्षक मिलने जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि कैट के आदेश पर रोक नहीं लगाई जाती है तो लाखों छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि कुछ शिक्षकों की ज्वाइनिंग भी हो गई है।
यह है विवाद
भर्ती परीक्षा में असफल रहे छात्रों ने डीएसएसएसबी पर नियमों की अनदेखी कर परिणाम जारी करने का आरोप लगाया। छात्रों ने कैट में याचिका दाखिल कर कहा कि परीक्षा में कई सवाल दो बार पूछे गए। लेकिन परिणाम जारी करने के दौरान डीएसएसएसबी ने दो बार पूछे गए सवालों को हटाने के बाद परिणाम जारी किया, जिसकी वजह से वे सफल होने से वंचित हो गए।
छात्रों ने कहा था कि डीएसएसएसबी द्वारा परीक्षा परिणाम जारी करने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया अनुचित है। परीक्षा में शामिल छात्रों की याचिका पर विचार करते हुए कैट ने 14 अक्तूबर को परिणाम पर रोक लगा दी थी।