तीन तलाक कानून का मुद्दा एक बार फिर से खबरों में है. केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को कहा है कि ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण कानून’ बनने के बाद से देश में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) की घटनाओं में 83 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है. वहीं जो मामले सामने आए हैं सभी में कानून के मुताबिक कार्रवाई की गई है.
उन्होंने यह भी कहा कि कई मुस्लिम संगठन एक अगस्त की तारीख को ‘मुस्लिम महिला अधिकार दिवस’ के रूप में मनाना चाहते हैं. यह दर्शाता है कि मोदी सरकार के दौरान बड़े सुधार हुए हैं, नए फैसले लिए गए हैं.
जाहिर है पिछले साल जुलाई महीने में ही संसद के दोनों सदनों से मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक पारित हुआ था. जिसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस विधेयक को एक अगस्त 2019 को मंजूरी दी थी.
वहीं, पश्चिम बंगाल के बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो ने भी मुख्तार अब्बास नकवी के बयान को रेखांकित करते हुए तीन तलाक की घटनाओं में कमी की बात दोहराई है.
पीआईबी (पत्र सूचना कार्यालय) की वेबसाइट पर एक पोस्ट में नकवी ने अगस्त मीहने के खास दिनों का उल्लेख करते हुए कहा है, ”8 अगस्त भारत छोडो आंदोलन, 15 अगस्त भारतीय स्वतंत्रता दिवस, 19 अगस्त विश्व मानवता दिवस, 20 अगस्त सद्भावना दिवस, 5 अगस्त को 370 खत्म होना, जैसे इतिहास के सुनहरे लफ्जों में लिखे जाने वाले दिन हैं. वहीं, एक अगस्त भारत के इतिहास में ‘मुस्लिम महिला अधिकार दिवस’ के रूप में दर्ज हो चुका है.”
उन्होंने कहा, ‘इस कानून को एक वर्ष हो गया है. इस दौरान तीन तलाक की घटनाओं में कमी आई है. जहां ऐसी घटना हुई वहां कानून ने अपना काम किया है.’
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए मंत्री ने कहा, ”तीन तलाक ना संवैधानिक तौर से ठीक था और ना इस्लाम के तहत जायज था. फिर भी हमारे देश में मुस्लिम महिलाओं के उत्पीड़न से भरपूर गैर-क़ानूनी, असंवैधानिक, गैर-इस्लामी कुप्रथा ‘तीन तलाक’, ‘वोट बैंक के सौदागरों’ के ‘सियासी संरक्षण’ में फलता- फूलता रहा.”
नकवी ने शाह बानो प्रकरण को लेकर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, ‘उस समय (1986) लोकसभा में अकेले कांग्रेस सदस्यों की संख्या कुल 545 में से 400 से ज्यादा थी. कांग्रेस के पास राज्यसभा में 245 में से 159 सीटें थी. लेकिन राजीव गांधी सरकार ने इस संख्या बल का इस्तेमाल मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को कुचलने और उच्चतम न्यायालय के फैसले को निष्प्रभावी बनाने के लिए किया.’
लेख में नकवी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार हर वर्ग के सशक्तिकरण और सामाजिक सुधार को समर्पित है. कुछ लोगों का कुतर्क होता है कि मोदी सरकार को सिर्फ मुस्लिम महिलाओं के तलाक की ही चिंता क्यों है? तो उनकी जानकारी के लिए बताना चाहता हूं कि इन पिछले छह वर्षों में मोदी सरकार के समावेशी विकास के प्रयासों का लाभ समाज के सभी वर्गों के साथ मुस्लिम महिलाओं को भी हुआ है.’