नेताजी सुभाष चंद्र बोस की परिजन और पूर्व टीएमसी सांसद कृष्णा बोस ने शुक्रवार को कहा, सीएए लागू करने का केंद्र सरकार का अड़ियल रवैया देश में युद्ध जैसे हालात खड़े कर सकता है। उन्होंने कहा, केंद्र के रवैये से स्पष्ट है कि मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है।

कृष्णा बोस ने कहा, हम बेहद खतरनाक स्थिति में हैं जहां केंद्र लोगों को बांटने पर अड़ा है। केंद्र एक वर्ग विशेष की अनदेखी कर रही है। दूसरे देशों में पीड़ित हिंदू, बौद्ध, जैन और अन्य धर्म के लोगों का स्वागत किया जा रहा है लेकिन बस मुसलमानों के छोड़ दिया। यही विवाद की सबसे बड़ी वजह है।
मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय ने देश के मौजूदा हालात की तुलना नाजी जर्मनी से करते हुए इस बात पर खुशी जाहिर की कि इस्लामोफोबिया को सामान्य करने के प्रयास तेज हैं।
रॉय ने कहा, छात्रों और महिलाओं ने जिस तरह से सड़कों पर उतर कर केंद्र के विभाजनकारी नागरिकता कानून का विरोध किया वह देखने योग्य है।
सातवें कोलकाता पीपुल्स फिल्म फेस्टिवल में हिस्सा लेने पहुंची रॉय ने कहा, सीएए का सबसे अधिक असर आर्थिक रूप से कमजोर और हाशिये पर पड़े मुस्लिम, दलित और महिलाओं पर पड़ेगा।
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