आईआईटी से पासआउट के बाद नौकरी करोड़ों के पैकेज के लिए नहीं, बल्कि खुशी के लिए चुनें। जिस काम में खुशी मिलती है, वही काम करना चाहिए। इसी से आपके प्रदर्शन में निखार आता है। दूसरों को कॉपी करने की बजाय अपनी सफलता के रास्ते खुद बनाएं। आईआईटी कैंपस में शिक्षकों ने एक शेप देने और अभिभावकों ने आपको आईआईटी तक पहुंचाने के लिए जो तपस्या व मेहनत की है, उसे कभी न भूलें। ये बातें इसरो प्रमुख डॉ. के सिवन ने आईआईटी दिल्ली के 50वें दीक्षांत समारोह में कहीं। वे शनिवार को पासआउट छात्रों को डिग्री देने के बाद संबोधित कर रहे थे।
इसरो प्रमुख ने छात्रों से कहा कि संगीत, क्रिकेट या किसी अन्य में दिलचस्पी है तो उसी क्षेत्र में आगे बढ़ने पर फोकस करें। जो भी पसंद हो, उसे ही चुनें और कठिन परिश्रम से सफलता पाएं। आईआईटी जैसे दिग्गज संस्थान पर डॉ सिवन ने कहा कि मैं आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र के रूप में मैं यह मानता हूं कि यहां से पासआउट छात्रों को संस्थान ने वे मौके उपलब्ध करवाएं हैं, जो कहीं अन्य नहीं मिलते।