ब्रिटेन की एक न्यायालय ने नौ साल की एला नामक एक बच्ची की मौत की वजह वायु प्रदूषण को माना है। हालांकि, ब्रिटेन ही नहीं, यह दुनिया का पहला ऐसा मामला है, जिसपर किसी अदालत के द्वारा वायु प्रदूषण से मौत होने पर मुहर लगाई गई है। एला कीसी डेब्राह की मृत्यु प्रमाणपत्र को जारी करने वाली अथॉरिटी ने भी यह माना है कि मौत की वजह श्वसन तंत्र काम नहीं करने, गंभीर अस्थमा और वायु प्रदूषण है।

बता दें कि एला की मौत साल 2013 में हुई थी। उसके घर के पास ट्रैफिक लगने के कारण लगातार तीन साल तक वहां का प्रदूषण तय मानकों से अधिक रहा था। इस मामले पर सुनवाई करते हुए जज ने कहा कि प्रदूषित हवा एला की मौत की वजहों में से अहम है। एला लगातार नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के संपर्क में रही, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों से अधिक था।
हालांकि, एला की मां रोसामंड ने बहुत पहले ही न्यायालय में वायु प्रदूषण के संबंध में सबूत पेश किए थे। उन्होंने बताया वायु प्रदूषण के कारण एल्ला को 28 बार अस्पताल ले जाया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, साल 2016 में वायु प्रदूषण के वजह से छह लाख से अधिक बच्चों की मौत हुई थी। वहीं विश्व के आधे से ज्यादा देशों के पास वायु प्रदूषण से मरने वालों के आंकड़े ही उपलब्ध नहीं हैं।
एला की मां ने न्यायालय के फैसले पर कहा कि वो पिछले सात साल से अपनी बच्ची की मौत की असल वजह के लिए लड़ाई लड़ रही थीं। आखिर उनको न्याय मिल ही गया और न्यायालय ने माना कि उनकी बेटी की मौत वायु प्रदूषण के वजह से ही हुई है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal