दीपोत्सव में इस बार नया विश्व रिकॉर्ड बन सकता है। प्रशासन भी राम की पैड़ी को दो गुना से अधिक विस्तार करके मुख्य कार्यक्रम स्थल रामकथा पार्क से चरण सिंह घाट तक जगमग करने की तैयारी में है। पिछले सालों के मुकाबले इस बार नगर निगम ने शासन से दीपोत्सव बजट भी दो गुना अधिक मांगा है। भूमि पूजन के बाद अब दीपोत्सव को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। राममंदिर का फैसला आने के बाद होने वाले इस दीपोत्सव को लेकर रामनगरी के साधु-संतों सहित हर वर्ग में दोगुना उत्साह है।
वनवास के बाद भगवान राम के अयोध्या आगमन की खुशी में यहां त्रेतायुग जैसी दिवाली मनाने की परंपरा की शुरुआत योगी आदित्यनाथ ने 2017 में शुरू की थी। तब से दीप जलाने का हर साल नया रिकॉर्ड बनाता आ रहा है। इस बार राममंदिर का फैसला और 30 सितंबर को बाबरी ध्वंस का फैसला आने के बाद त्योेहार की रौनक खास होने वाली है। हालांकि कोरोना संक्रमण की वजह से आने वाली भीड़ को लेकर दीपोत्सव का स्वरूप कैसा होगा? यह अभी तय नहीं है। मगर, अयोध्यावासी भारी उत्साह में हैं। दूसरी तरफ प्रशासन ने भी तैयारी शुरू कर दी है।
दीपोत्सव से पूर्व रामनगरी को व्यवस्थित और सुंदर बनाने के लिए जिला प्रशासन ने विभिन्न विभागों से प्रस्ताव मांगा है। नगर निगम ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है। देश-विदेश के मेहमान और पर्यटकों के शामिल होने को लेकर इस बार कोरोना महामारी का असर जरूर दिखेगा, लेकिन स्थानीय भीड़ को रोकना मुश्किल होगा। इसका नजारा भूमिपूजन की खुशी में 3, 4 व 5 अगस्त को अयोध्या में मनाई गई दिवाली से साफ हो गया है। माना जा रहा है कि दीपोत्सव को लेकर सरकार नई गाइड लाइन जारी कर सकती है।
दीपोत्सव में इस बार अयोध्या को करोड़ों की विकास योजनाएं मिल सकती हैं। हर साल मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ सैकड़ों करोड़ की विकास योजनाओं की नींव रखते आ रहे हैं। इस बार हाईवे पर तैयार आधुनिक बस अड्डे समेत कई बड़े प्रोजेक्टों का लोकार्पण तय है। साथ ही संभावना जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट के साथ यहां आ सकते हैं। श्रीराम की विश्व की सबसे ऊंची 251 मीटर प्रतिमा का भूमिपूजन कर शिलान्यास हो सकता है। हजारों करोड़ की सड़क, कॉरिडोर, रिंग रोड, पुल समेत जन सुविधाएं और जल परिवहन से लेकर हवाई जहाज चलाने के एलान हो सकते हैं। भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई में प्रशासन जुटा है।