दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट टूलकिट मामले में जल्द ही कुछ और लोगों को गिरफ्तार कर सकती है। इसमें शांतनु और निकिता का नाम सामने आ रहा है। पुलिस इस दोनों की भूमिका की जांच कर रही है। दिशा रवि से पूछताछ के बाद इस मामले में जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। टूलकिल की जांच में ये बात सामने आई है कि दिशा समेत कई लोगों ने खालिस्तान को दोबारा खड़ा करने और भारत सरकार के बदनाम करने के लिए एक साजिश रची।
दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने किसान हिंसा को लेकर एक साजिश के तहत अंजाम देने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही इसमें खुलासा किया जाएगा। उधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने रवि की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए रिहाई की मांग की है।
दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार भारत सरकार को बदमाश करने के लिए सब लोग एक साजिश के तहत जुड़े। इसके लिए ये लोग खालिस्तान समर्थक पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से जड़े। किसान आंदोलन के मद्देनजर टूलकिट अभियान सोची समझी साजिश के तहत चलाया गया था। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से %टूलकिट’ बनाने वालों से जुड़े ईमेल आईडी, डोमेन यूआरएल और कुछ सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देने को कहा था।
गौरतलब है कि 22 वर्षीय दिशा फ्राइडे फॉर फ्यूचर इंडिया अभियान की संस्थापक है और टूलकिट गूगल डॉक के संपादकों में से एक है। यह दस्तावेज के निर्माण और प्रसार में महत्वपूर्ण साजिशकर्ता थी। टूल किट में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है। चार फरवरी को जब मामला दर्ज किया गया था तो दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि शुरुआती जांच से पता चला है कि दस्तावेज के तार खालिस्तान-समर्थक समूह %पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ से जुड़े हैं।
बता दें कि स्वीडन की 18 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर समर्थन दिखाते हुए ट्वीट किया था. आरोप है कि उन्होंने एक टूलकिट भी ट्वीट किया था, जिसमें भारत में अस्थिरता फैलाने को लेकर साजिश का प्लान था।
नार्थ बेंगलुरु के सोलादेवना हल्ली इलाके की रहने वाली व जलवायु कार्यकर्ता दिशा ने माउंट कैमेल कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन स्नातक की डिग्री हासिल की है। इस समय वह गुड माइल्क कंपनी के साथ जुड़ी हुई। पुलिस सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तारी के समय वह अपने घर में की काम कर रही थी। दिशा रवि के पिता मैसूर में एक एथलेटिक कोच है। मां एक गृहिणी हैं। दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर बैगलुरू पुलिस को जानकारी दी थी।
टूलकिट में बताया गया था किसान आंदोलन में सोशल मीडिया पर समर्थन कैसे जुटाए जाए। हैशटैग का इस्तेमाल किस तरह से किया जाए और प्रदर्शन के दौरान क्या किया जाए और क्या नहीं, सब जानकारी इसमें मौजूद थी। तीन फरवरी को एक्टिविसट ग्रेटा थनबर्ग ने किसानों का समर्थंन करते हुए इस टूल किट को सोशल मीडिया पर शेयर किया था। बाद में इस टूलकिट को सोशल मीडिया ने प्रतिबंधित कर उसे डिलीट कर दिया था।
किसानों की यूनियनों के निकाय संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को दिल्ली पुलिस द्वारा ‘टूलकिट’ मामले की जांच में 22 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी की निंदा की और उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की।
एसकेएम ने साथ ही हरियाणा के कृषि मंत्री जे पी दलाल की तीन कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों की मौत को लेकर टिप्पणी की भी निंदा की और चेतावनी दी कि लोग उन्हें इस तरह के ‘‘अहंकार’’ के लिए एक दिन सबक सिखाएंगे।