विधानसभा चुनाव में विरोधियों को पटखनी देने के लिए भाजपा पहली बार हर विधानसभा क्षेत्र में व्यूह रचना करने जा रही है। इसके लिए हर सीट को एक इकाई मानकर स्थानीय मुद्दों के मुताबिक रणनीति बनाने के लिए भाजपा के रणनीतिकार (द्रोण) मुद्दों की सूची बना रहे हैं। राज्यस्तरीय चुनाव प्रचार अभियान के साथ ही प्रत्येक सीट पर समानांतर यह अभियान चलेगा। इसमें कोताही न हो इसके लिए अनुभवी कार्यकर्ताओं की टीम तैनात की जा रही है।
आसान नहीं भाजपा की राह
नगर निगम और लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा की नजर अब विधानसभा चुनाव पर है, लेकिन यह आसान नहीं है। दिल्ली में इस समय आप की सरकार है, जिसके पास मुख्यमंत्री के रूप में अरविंद केजरीवाल का चेहरा और उनकी सरकार के लोकलुभावन फैसले हैं। इस जमीनी हकीकत को पार्टी के रणनीतिकार भी समझ रहे हैं। उनका मानना है कि आप को मजबूत चुनौती देने के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में वहां की जरूरत के अनुसार रणनीति बनाकर चुनाव लड़ना होगा।
स्थानीय मुद्दों को उठाने से ही होगा फायदा
स्थानीय मतदाताओं के मुद्दों को उठाकर ही आप सरकार की मुफ्त बिजली, पानी व अन्य योजनाओं की धार को कुंद किया जा सकता है। भाजपा का मानना है कि केजरीवाल को भले ही जनता पसंद करे, लेकिन उनके विधायकों के प्रति जनता में जबर्दस्त नाराजगी है।
भाजपा के आंतरिक सर्वे में हुआ आम आदमी पार्टी का खुलासा
भाजपा नेता बताते हैं कि पार्टी के आंतरिक सर्वे में भी यह बात सामने आई है। इसे ध्यान में रखकर चुनावी रणनीति तैयार की जा रही है। इसके तहत नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों व उपलब्धियों की जानकारी देने के साथ ही आप सरकार और उसके विधायकों की पोल खोली जाएगी। इसके लिए नेताओं व कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय की जा रही है।
प्रदेश स्तर पर अध्यक्ष मनोज तिवारी की अध्यक्षता में चुनाव प्रबंधन समिति गठित की गई है। इसमें अलग-अलग 35 विभाग बनाए गए हैं। इसी तरह की समिति प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में गठित की जा रही है। इस तरह का प्रयोग पहली बार किया जा रहा है। यह समिति प्रदेश की टीम के साथ तालमेल रखते हुए स्थानीय मुद्दों की पहचान करके चुनाव प्रचार को आगे बढ़ाएगी। इसके साथ ही स्थानीय विधायक के वादों का पोस्टमार्टम करने के साथ ही जमीनी हकीकत जनता के सामने रखी जाएगी। यही नहीं क्षेत्र के विकास के लिए एक रोडमैप तैयार कर जनता के सामने रखा जाएगा।