सोलंकी दिवाकर बालीवुड गलियारे में जाना-पहचान नाम है। सुशांत सिंह राजपूत, आयुष्मान खुराना, संजय मिश्रा, अन्नू कपूर समेत तमाम बड़े अभिनेताओं के साथ काम कर चुके सोलंकी दिवाकर करीब एक दर्जन से ज्यादा फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके हैं। हालांकि इन दिनों वो अपने अभिनय से ज्यादा सब्जी, फल बेचने को लेकर चर्चा में है।
यहां प्राइवेट कंपनियों के ऑफिस में साफ सफाई करता था। यहां कुछ साल इसी तरह छोटे-मोटे काम करते हुए गुजरा। जिंदगी में अहम मोड़ तब आया जब दक्षिणी दिल्ली में रहने वाले एक क्रिएटिव डॉयरेक्टर के आवास पर बतौर कूक काम मिला। मैं उनके घर पर नाश्ता बनाने जाता था। उनके घर पर लाइट, कैमरा आदि देख दोबारा अभिनय की इच्छा को बल मिला। एक दिन बातों-बातों में मैंने उनसे अभिनय की ख्वाहिश बताई। उन्होने सुझाव दिया कि पहले थियेटर करो। जिसके बाद मैं प्रोफेसर एम सईद आलम के पास गया और उनके एक नाटक मैं अबू सलेम हूं में अभिनय किया।
बालीवुड में इंट्री
सोलंकी बताते हैं कि उनका एक चचेरा भाई भी अभिनेता बनने की चाह में मुंबई गया था। उसे तितली फिल्म में ब्रेक मिला। उसने जब इनसे बताया तो सोलंकी ने अपने लिए भी काम देखने की बात कही। बाद में सोलंकी को भी तितली में एक छोटा सा रोल मिला। सोलंकी कहते हैं कि पूरी रात सो नहीं पाया था। वेडिंग कार्ड प्रिंटिंग में काम करने वाले का किरदार निभाया था। लेकिन इस फिल्म के बाद सोलंकी ने संजय मिश्रा संग कड़वी हवा और हल्का किया।
इसके अलावा सुशांत सिंह राजपूत संग सोनचिरैया, आयुष्मान खुराना संग ड्रीम गर्ल किया। भोर फिल्म में भी सोलंकी ने अभिनय किया। इसके अलावा तीन चार शार्ट फिल्में कर चुके हैं। दिल्ली क्राइम सीजन-2 में भी काम किया है। सोलंकी बहुत जल्द द पिक-अप आर्टिस्ट, द वाइट टाइगर में भी दिखेंगे।
फिर सब्जी क्यों बेचते हैं
इस सवाल के जवाब में सोलंकी कहते हैं कि परिवार का भरण पोषण करने के लिए। बकौल साेलंकी फिल्मों में छोटे रोल मिलते हैं। ये रोल भी लगातार नहीं मिलते हैं। लंबे अंतराल के बाद मिलते हैं। अभिनय से बहुत ज्यादा पैसा नहीं मिलता तो फल, सब्जी आदि बेचकर गुजर बसर करना मजबूरी है। मैं ओखला मंडी से सब्जी, फल लेकर मालवीय नगर, लाजपत नगर, ओखला आदि इलाकों में रेहड़ी पर बेचता हूं।
प्रशंसक भी खरीदते हैं फल?
सोलंकी कहते हैं, मालवीय नगर, लाजपत नगर में ऐसे कई ग्राहक है जो प्रशंसक भी है। ड्रीम गर्ल के बाद पहचान ज्यादा मिली। कई बार ऐसा होता है कि सब्जी या फल खरीदने जो लोग ग्राहक के रूप में आते हैं वो देखने के बाद फोटो खिंचवाते हैं। वो बड़ी खुशी के साथ बताते हैं कि उन्होने फिल्में देखी है। सोलंकी दिवाकर कहते हैं कि विगत कई सालों से सब्जी बेच रहे हैं। इसे करने में किसी तरह की हीन भावना नहीं होती क्यों कि उनका मानना है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता।