देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना ने जो आंकड़े दिखाए, वो डराने वाले हैं. बीते 24 घंटे में यहां 1,819 नए मामले सामने आए और 11 मरीजों की जान गई. ढाई महीने बाद ये मौत का सबसे बड़ा आंकड़ा था.
इससे पहले 13 जनवरी को भी 11 मरीजों की ही मौत हुई थी. इस तरह दिल्ली में अब कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 11,027 हो गई है. कोरोना के मामले बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री अरविेंद केजरीवाल ने दिल्ली अस्पतालों में बेड बढ़ाने के आदेश दे दिए हैं.
कोरोना के मामले जितनी तेजी से बढ़ रहे हैं, उतनी तेजी से लोग इससे ठीक नहीं हो रहे हैं. यही वजह है कि अब एक्टिव केसेस की संख्या फिर से भड़ने लगी है. बुधवार तक दिल्ली में एक्टिव केसेस की संख्या बढ़कर 8,838 हो गई. 21 दिसंबर के बाद ये सबसे ज्यादा है. पिछले साल 21 दिसंबर को दिल्ली में एक्टिव केस की संख्या 9,255 थी.
एक तरफ जहां एक्टिव केस बढ़ रहे हैं, दूसरी तरफ रिकवरी रेट कम हो रहा है. रिकवरी रेट अब घटकर 97% पर आ गया है. वहीं डेथ रेट 1.66% पर पहुंच गया है. इसके अलावा एक बात ये भी डराने वाली है कि दिल्ली में कंटेंमेंट जोन की संख्या भी बढ़कर 2,009 हो गई है. अब तक दिल्ली में 6,62,430 मामले आ चुके हैं, जबकि 6,42,565 लोग ठीक हो चुके हैं.
राजधानी दिल्ली में 20 मार्च से लेकर 29 मार्च के बीच रोज आने वाले नए मामले 800 से बढ़कर 1,900 पर पहुंच गए हैं. इससे चिंता बढ़ गई है. जिसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आदेश पर अस्पतालों में बेड बढ़ा दिए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए दिल्ली के 33 निजी अस्पतालों में 25% बेड बढ़ाए जा चुके हैं.
स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, कोविड वॉर्ड में 842 बेड बढ़ाकर 2,547 कर दिए गए हैं और आईसीयू के 230 बेड बढ़ाकर 838 कर दिए गए हैं. उनका कहना है कि सरकारी और निजी अस्पतालों में करीब 25% बेड पर कोरोना के मरीज भर्ती हैं.
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