पिछले 48 घंटों के दौरान दिल्ली में चार जगहों पर लगी आग से हड़कंप मचा हुआ है। इनमें नारायणा विहार की फैक्ट्री और खजूरी खास स्थित चौक पर मोहल्ला क्लीनिक की आग बृहस्पतिवार को लगी, जिसमें लाखों का नुकसान हुआ है। इन चार आग में करोल बाग स्थित होटल अर्पित पैलेस में भी शामिल है, जिसमें 17 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में अब भी इलाज चल रहा है।
सबसे ताजा आग बृहस्पतिवार सुबह नारायणा विहार स्थित पेपर कार्ड की फैक्ट्री में लगी, इस आग की वजह से इलाके में अफरातफरी मच गई। आग कितनी भयानक है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आग बुझाने के काम में दमकल की 29 गाड़ियों को तैनात किया है। आग बुझाने का काम जारी है, लेकिन अब तक दमकल विभाग को कामयाबी नहीं मिली है। बताया जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्टिक की वजह से लगी है।
जिसे फैक्ट्री में आग लगी है, उसमें पेपर कार्ड बनाया जाता है। आग की वजह से लाखों के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल फैक्ट्री में आग किन कारणों से लगी अब तक यह साफ नहीं हो सका है। राहत की बात यह है कि आग से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
वहीं, पूर्वी दिल्ली के खजूरी चौक स्थित मोहल्ला क्लीनिक में बृहस्पतिवार सुबह आग लग गई, जिसमें सारा कीमती सामान जलकर राख हो गया।
यह लगातार तीसरा दिन है जब दिल्ली में आग लगी है। बुधवार को पश्चिम पुरी की झुग्गियों में आग लगी थी और इससे पहले मंगलवार को दिल्ली के करोल बाग स्थित चार मंजिला होटल अर्पित पैलेस में लगी आग चलते 17 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में ज्यादातर लोग दिल्ली आए टूरिस्ट व अन्य लोग थे। म्यांमार और कोच्चि से आए लोग भी इनमें शामिल हैं।
होटल में लगी आग को शॉर्ट सर्किट से जोड़ा जा रहा है, लेकिन प्राथमिक जांच में पता चला है कि होटल के फर्स्ट फ्लोर पर कमरा नंबर 109 के एसी में आग लगी थी, जिसके बाद इस आग ने पूरे होटल को चपेट में ले लिया।
दम घुटने से हुई ज्यादातर की मौत
होटल में आग लगने के बाद ज्यादातर मौतें धुएं से दम घुटने के कारण हुई हैं। होटल के एसी कमरों की खिड़कियां (शीशे की विंडो) पैक थीं, जिस वजह से धुआं बिल्डिंग से बाहर नहीं निकल पाया। माना जा रहा है कि दम घुटने की वजह से वे लोग बेसुध होकर लपटों की चपेट में आए।
पश्चिमपुरी में आग से 150 झुग्गियां जलकर खाक
पश्चिमपुरी स्थित झुग्गी बस्ती में मंगलवार देर रात आग लग गई। आग में 150 झुग्गियां जलकर खाक हो गईं। घटना में किसी की जान नहीं गई। बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ित परिवारों से बातचीत की।
उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों को घर फिर से बनाने के लिए 25-25 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। दिल्ली सरकार झुग्गी में रहने वाले लोगों के लिए पक्के मकान बनाने के कार्य में जुटी है। हमारी कोशिश है कि दिल्ली में किसी को झुग्गी में रहने की मजबूरी न रहे। अफसोस है कि उपराज्यपाल व केंद्र सरकार हमारे प्रयासों में अड़ंगा लगा रही है, लेकिन उम्मीद करता हूं कि मकान बनाने का कार्य जोर पकड़ेगा और जो मकान बनकर तैयार हैं, वे इन्हें सौंपे जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने तत्कालिक तौर पर राहत देने के लिए उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए कि इनके खाने व रहने का प्रबंध किया जाए। प्रशासन की ओर से टेंट व खाने का प्रबंध किया गया है। मुख्यमंत्री ने आग लगने के कारणों का पता करने के लिए जांच कराए जाने की भी बात कही। मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी मौजूद रहे।
मंगलवार रात करीब साढ़े 11 बजे पश्चिमपुरी स्थित शहीद भगत सिंह झुग्गियों में आग लगने से हर तरफ अफरातफरी मच गई। आग की शुरुआत यानि नजफगढ़ नाले की ओर से हुई। जैसे ही लोगों को आग के बारे में पता चला लोग जान बचाकर मुख्य सड़क की ओर भागने लगे। इस बीच कुछ लोगों ने अपने साथ जितना संभव हुआ सामान भी बचाने की कोशिश की। बस्ती के कुछ लोगों ने हिम्मत दिखाई और सो रहे बच्चों को सुरक्षित निकालने में एक दूसरे का काफी सहयोग किया।
इधर, घटना की जानकारी पाकर मौके पर दमकल की 28 गाड़ियां पहुंची और आग पर काबू पाना शुरू किया। देर रात करीब साढ़े तीन बजे आग पर काबू पाया जा सका। आग की चपेट में आने से घरों में रखे सिलेंडरों में धमाके हुए जिस कारण बीच-बीच में आग और तेजी पकड़ने लगी, लेकिन दमकलकर्मियों ने आग पर करीब तीन घंटे में काबू पा लिया।
दिनेश ने बताया कि सरस्वती पूजा विसर्जन से लौटने के बाद वे सोने की तैयारी ही कर रहे थे कि अचानक उन्हें शोर सुनाई दिया जब वे झुग्गी से बाहर निकले तो उन्हें गली में तेज रोशनी नजर आई। जैसे ही उन्हें लगा कि आग लग गई है उन्होंने सभी को बाहर निकाला और बचाव में जुट गए।