अकेले यमुना जैव विविधता पार्क में पिछले साल की तुलना में इनकी संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई है। इसकी वजह इस बार की आबोहवा बताई जा रही है।
दिल्ली के सात जैव विविधता पार्कों में इस साल ड्रैगन फ्लाइज व डैम्फ्लाइज नाम के दो तरह की कीटों की प्रजाति विशेष की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। अकेले यमुना जैव विविधता पार्क में पिछले साल की तुलना में इनकी संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई है। इसकी वजह इस बार की आबोहवा बताई जा रही है।
बारिश ज्यादा होने से हवा में नमी ज्यादा रही। इससे इनके अनुकूलन का सही वातावरण मिला। विशेषज्ञ बताते हैं कि ड्रैगनफ्लाइज (स्कार्लेट स्किम) व डैम्फ्लाइज (हरा डार्नर) का मुख्य भोजन मच्छर होने से इनकी संख्या में कमी आ सकती है। दरअसल, डीडीए के अरावली, नीला हौज, तिलपथ घाटी, कमला नेहरू रिज, तुगलकाबाद, कालिंदी और यमुना जैव विविधता पार्क में 18-20 सितंबर के बीच तीन दिनों तक सर्वे किया गया।
इसमें ड्रैगनफ्लाइज व डैम्फ्लाइज की संख्या की गिनती हुई। हंसराज कॉलेज, केशव महाविद्यालय, जाकिर हुसैन कॉलेज, इग्नू, सत्यवती कॉलेज, किरोड़ीमल कॉलेज, मैत्रेयी कॉलेज, ओपी जिंदल विश्वविद्यालय, रामानुजन कॉलेज, देशबंधु कॉलेज और रामजस कॉलेज सहित दूसरे संस्थानों के बच्चों ने इसमें हिस्सा लिया।
सर्वेक्षण से पता चला कि सभी पार्कों में ड्रैगनफ्लाइज और डैम्सफ्लाइज की प्रजातियों की संख्या कम हुई है। लेकिन बीते सालों की तुलना में प्रजाति विशेष की संख्या बढ़ी है। सभी पार्कों में वांडरिंग ग्लाइडर और डिच ज्वेल सबसे अधिक दिखने वाली ड्रैगनफ्लाइज थी। विशेषज्ञ इसकी वजह लंबे समय तक दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय रहने वाले मानसून को बता रहे हैं। इससे इनके प्रजनन के लिए उपयुक्त माहौल मिला।
दोनों प्रजातियों के लिए अनुकूल आबोहवा
कीटों की दोनों प्रजातियां नम वातावरण में पनपती हैं। बारिश में बनने वाले अस्थायी जल निकायों के आस-पास इनका घरौंदा रहता है। इस बार की बारिश ने इसका संयोग पैदा किया। इससे इनकी उच्च प्रजनन दर बढ़ी और मच्छर के तौर पर खाने की भी कमी नहीं रही।
कीटों की दोनों प्रजातियां विशेष तरह की जलीय वनस्पतियों पर अंडे देती हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि एक ड्रैगनफ्लाई हर दिन 30-100 मच्छरों को खा सकती है। जैवविविधता पार्क के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. फैयाज़ खुदसर बताते है कि दिल्ली में डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच ड्रैगनफ्लाइज की संख्या में बढोतरी हम इंसानों के लिए राहत भरी है।