दिल्ली-एनसीआर, यूपी, बिहार, उत्तराखंड और हरियाणा समेत देश के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटकों से धरती कांप गई। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मापी गई है।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान (एनसीएस) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र नेपाल में अयोध्या से लगभग 227 किलोमीटर उत्तर और काठमांडू से 331 किलोमीटर पश्चिम उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर की गहराई में था। जिसके झटके हरियाणा, बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों में भी महसूस किए गए। पहला झटका रात 11 बजकर 32 मिनट पर लगा जो कई सेकेंड तक रहा। उत्तर प्रदेश की राजधानी और बिहार की राजधानी पटना में भी तेज कंपन महसूस हुआ। अचानक तेज झटकों के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए। बीते एक महीने में यह तीसरी बार है, जब नेपाल में भूकंप के तेज झटके आए हैं।
क्या मानी जाती है भूकंप की असल वजह
दरअसल धरती के भीतर कई प्लेटें होती हैं जो समय-समय पर विस्थापित होती हैं। इस सिद्धांत को अंग्रेजी में प्लेट टैक्टॉनिकक और हिंदी में प्लेट विवर्तनिकी कहते हैं। इस सिद्धांत के अनुसार पृथ्वी की ऊपरी परत लगभग 80 से 100 किलोमीटर मोटी होती है जिसे स्थल मंडल कहते हैं। पृथ्वी के इस भाग में कई टुकड़ों में टूटी हुई प्लेटें होती हैं जो तैरती रहती हैं।
सामान्य रूप से यह प्लेटें 10-40 मिलिमीटर प्रति वर्ष की गति से गतिशील रहती हैं। हालांकि इनमें कुछ की गति 160 मिलिमीटर प्रति वर्ष भी होती है। भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। भूकंप की तरंगों को रिक्टर स्केल 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है।