राजधानी में अक्तूबर 2024 में जलजनित बीमारियों, विशेष रूप से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि देखी गई। एमसीडी के आंकड़ों के अनुसार, अक्तूबर में दर्ज किए गए मामले पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक रहे। इस वृद्धि ने न केवल स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ाई है, बल्कि दिल्लीवासियों में भी भय का माहौल पैदा कर दिया है।
अक्तूबर में दिल्ली में जलजनित बीमारियों के मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि ने स्वास्थ्य विभाग और एमसीडी के सामने एक बड़ी चुनौती पेश की है। इतना ही नहीं, डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के रिकॉर्ड मामलों ने जनस्वास्थ्य पर गंभीर असर डाला है। लिहाजा इस स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन को और अधिक प्रभावी कदम उठाने होंगे। जलभराव, मच्छरों का बढ़ता प्रकोप और जनजागरूकता की कमी इन बीमारियों की बढ़ती संख्या के मुख्य कारण हैं।
अक्तूबर में सबसे अधिक मामले मिले
अक्तूबर माह में डेंगू के 2431 मामले दर्ज किए गए, जो इस वर्ष का सबसे बड़ा आंकड़ा है। पिछले पांच सालों में भी अक्तूबर माह में इतने अधिक मामले सामने नहीं आए। इससे पहले, 2021 और 2023 में डेंगू का प्रकोप देखा गया था, लेकिन इस साल का अक्तूबर माह इस बीमारी के मामले में सबसे अधिक चिंताजनक साबित हुआ है। इस साल डेंगू के कुल 4061 मामले दर्ज हो चुके हैं।
पिछले सप्ताह डेंगू के 480 मामले मिले
राजधानी में गत सप्ताह डेंगू के 480 मामले दर्ज किए गए। इस दौरान एमसीडी के नजफगढ़ व दक्षिण जोन में सबसे अधिक डेंगू का प्रकोप देखा गया। नजफगढ़ जोेन में 74 मामले और दक्षिणी जोन में 69 मामले सामने आए। वहीं, मलेरिया के 23 मामले और चिगनगुनिया के 24 मामले दर्ज किए गए।
मलेरिया के मामलों में वृद्धि
इस वर्ष अक्तूबर में मलेरिया के 279 मामले दर्ज हुए, जो पिछले पांच वर्षों में किसी भी माह में सबसे अधिक हैं। पिछले कुछ सालों में मलेरिया के मामलों में नियंत्रण देखा गया था, लेकिन इस साल मामलों में असामान्य रूप से वृद्धि दर्ज की गई है। इस वर्ष मलेरिया के 709 मामले सामने आ चुके हैं।
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