मोरक्को की इस्लाम मयतात को ऑनलाइन दोस्ती ने आईएस आतंकियों की विधवा बना दिया. तीन साल तक नर्क की जिंदगी जीने के बाद वह किसी तरह बच कर निकली है. दरअसल इस्लाम ने खालिद अहमद के ब्रिटिश ट्रेडर से शादी की थी. लेकिन आईएस बाद में आईएस का आतंकी निकला. अहमद की मौत के बाद उसे अपनी जान बचाने के लिए दो बार आतंकियों से शादी करने पड़ी थी. आज इस्लाम के दो बच्चों की मां है.
शादी के लिए मोरक्को छोड़कर दुबई पहुंची
इस्लाम ने बताया कि खालिद से पहली बार 2014 में इंटरनेट के जरिए मिली थी. उस वक्त वह दुबई में अफगान ब्रिटिश ट्रेडर के तौर पर काम करता था. इस्लाम ने शादी के लिए मोरक्को छोड़कर दुबई पहुंची. यहां वह अहमद की फैमिली से मिलने अफगानिस्तान पहुंचीं. शादी के बाद अहमद उसे ये कहकर तुर्की ले गया, कि यहां से लंदन सेटल होना उनके लिए आसान होगा. वह फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करना चाहती थी. लेकिन यहां से अगस्त 2014 में अहमद सीरिया पहुंच गया. तब तक आईएस ने सीरिया में खलीफत का एलान कर दिया था.
पति का किया विरोध, प्रेग्नेंसी में की मिलिट्री ट्रेनिंग
इस्लाम के मुताबिक उसने अपने पति के आईएस ज्वॉइन करने का विरोध भी किया. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. 2014 में इस्लाम प्रेग्नेंट थी इसी दौरान अहमद मिलिट्री ट्रेनिंग के लिए कोबानी चला गया था, जहां पर उसकी मौत हो गई. ऐसे में वह विधवाओं के गेस्ट हाउस में रहने चली गई. .यहां पर उसे प्रेग्नेंसी के हालत में भी मिलिट्री ट्रेनिंग करनी पड़ी.
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भारतीय आतंकी से की शादी
अहमद की मौत के बाद अपनी जान बचाने के लिए इस्लाम ने एक अन्य आतंकी से शादी की. वह उसे रक्का ले गया. हालांकि कुछ समय बाद दोनों का तलाक हो गया. इसके बाद उसने भारतीय आईएस आतंकी अबु तल्लहा अल हिंदी से शादी की. इस शादी से उसने मारिया नाम की बेटी को जन्म दिया. बाद में अबु तल्लाह भी नाटो फोर्स के हमले में मारा गया. इसके बाद वह यजिदी महिला के संपर्क में आई. इसी के साथ वह किसी तरह आईएस के कब्जे से आजाद होने में कामयाब हुई. इस्लाम अपने और दोनों बच्चों के भविष्य को लेकर डरी हुई है. वह कहती हैं कि मैं मोरक्को वापस लौटना चाहती हूं, लेकिन मुझा नहीं पता कि मेरा वहां पर कोई भविष्य होगा या नहीं.