अमेरिका के विदेश विभाग ने ताइवान को 10.8 करोड़ डालर के सैन्य उपकरण देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। अमेरिका के इस कदम से चीन भड़क सकता है। चीन द्वीपीय क्षेत्र ताइवान को अपना मानता है और इस पर बलपूर्वक कब्जे की धमकी भी दे चुका है। जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश मानता है। ऐसे में अमेरिका इस द्वीपीय क्षेत्र को आत्मरक्षा के लिए हथियार मुहैया करा रहा है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने कहा कि ताइवान ने सैन्य तकनीकी सहायता समेत टैंकों और युद्धक वाहनों के लिए पार्ट्स के लिए आग्रह किया है। इस प्रस्तावित बिक्री से ताइवान को भावी खतरों से निपटने में अपनी क्षमताओं को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस प्रस्ताव के बारे में अमेरिकी संसद को अवगत करा दिया गया है।
आपको बता दें कि अमेरिका के इस कदम से चीन का आगबबूला होना तय है् । कुछ ही दिन पहले इंडोनेशिया में चीन और अमेरिका के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। इसमें कई मुद्दों पर बात हुई थी। दोनों के बीच हुई बैठक के बाद चीन की तरफ से अमेरिका को ताइवान से दूर रहने और उसका साथ न देने की चेतावनी तक दी गई थी। वहीं बैठक में दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच बातचीत का खाका भी तैयार किया गया था। लेकिन अमेरिका के ताजा फैसले से इसकी उम्मीद अब कम ही दिखाई देती है।
ताइवान को लेकर अमेरिका का बयान पहली बार ऐसा नहींं आया है। इससे पहले भी ताइवान के मुद्दे पर कई बार अमेरिका और चीन आमने सामने आ चुके हैं। ताइवान स्ट्रेट में अमेरिकी युद्ध पोत की आवाजाही को लेकर भी चीन काफी आक्रामक रहा है। अमेरिका और चीन के बीच ताइवान के इतर भी कई सारे मुद्दे हैं, जिन पर तनाव लगातार जारी है। कई बार दोनों एक दूसरे के आमने सामने आ चुके हैं।