चेन्नई : तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में दो किसानों को कथित तौर पर करीब 80 कुत्तों को जहर दे कर मारने के बाद उन्हें जला देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक कुत्तों को 4 जून को मारा गया था। स्थानीय लोगों ने कुत्ते मारने की घटना को सही ठहराया है। उनका कहना है पागल कुत्तों ने करीब 10 भेड़ों को मार दिया था और इन आवारा कुत्तों को लेकर की गई शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई थी। एक महिला ने कहा, “कुत्ते हमारी 15 भेड़ों को ले गए थे और हममें से कुछ को काट भी चुके हैं। उसका क्या?” पास के ही जंगल में कुत्तों की लाशों के जलने के संकेत मिले हैं। लाशों को पहले गाड़ा गया था लेकिन बदबू ने अपराध की पोल खोल दी। भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष और ब्लू क्रॉस के सहसंस्थापक डॉ चेन्नी कृष्णा ने बताया कि अगर कुत्तों द्वारा हमले के बारे में हमें बताया गया होता तो उन्हें “नूट्रिंग” प्रक्रिया से शांत किया जा सकता था लेकिन इतनी तादात में मार डालना समस्या का समाधान नहीं है।

लाशों का नहीं हुआ है पोस्टमार्टम
पुलिस ने लाशों का पोस्टमार्टम नहीं किया है। कार्यकर्ता इस बात से चिंतित हैं कि बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट के ये मजबूत केस नहीं होगा। पुलिस ने कुत्तों को जलाने का इल्जाम स्थानीय लोगों पर लगाया है। एक पुलिस अफसर ने कहा, “हमने कुछ नमूने ले लिए हैं। दो कुत्तों को गाड़ दिया गया था लेकिन हम अब भी अपराध साबित कर सकते हैं।” हालांकि जाचकर्ताओं का दावा है कि केवल नौ कुत्ते ही जलाए गए हैं और उनका इल्जाम स्थानीय लोगों पर लगाया गया है
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