आज के दौर में ड्रग एब्यूज (नशीली दवाओं का दुरुपयोग) युवाओं के लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है। टीनेज और युवावस्था में व्यक्ति नई चीजों को आजमाने के लिए उत्सुक रहता है, लेकिन कई बार यह जिज्ञासा या गलत दोस्तों की संगत उसे ड्रग्स की लत की ओर धकेल देती है। इसलिए ड्रग्स लेने की लत के दुष्परिणामों के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए हर साल 26 जून को
माता-पिता, परिवार के दूसरे सदस्य और शिक्षकों के लिए जरूरी है कि वे युवाओं में ड्रग एब्यूज के शुरुआती संकेतों को पहचानें, ताकि समय रहते उन्हें ड्रग अब्यूज की लत से बचाया जा सके। ड्रग एब्यूज के संकेत इमोशनल-सोशल और फिजिकल दोनों तरह के हो सकते हैं। आइए जानें ड्रग अब्यूज के संकेत कैसे होते हैं।
भावनात्मक और सामाजिक संकेत
मूड में अचानक बदलाव- युवा बिना किसी साफ कारण के चिड़चिड़े, अग्रेसिव, गुस्सैल या उदास हो सकते हैं।
झूठ बोलना और चोरी करना- ड्रग्स की लत पड़ने पर युवा अक्सर पैसों के लिए झूठ बोलते हैं या चोरी करने लगते हैं।
ड्रग्स के नुकसान से इनकार- वे ड्रग्स के हानिकारक प्रभावों को स्वीकार नहीं करते और अपनी आदत को जस्टिफाई करने लगते हैं।
पुराने दोस्तों से दूरी बनाना- ड्रग एब्यूज करने वाले युवा अक्सर उन लोगों से दूर भागते हैं, जो उनके व्यवहार पर सवाल उठा सकते हैं।
सीक्रेसी बढ़ना- वे अपने फोन कॉल्स या मैसेज को लेकर बहुत सीक्रेटिव हो जाते हैं और अपनी लोकेशन के बारे में झूठ बोलते हैं।
नए और संदिग्ध दोस्त- उनके ऐसे दोस्त हो सकते हैं जिनके बारे में वे आपसे बात नहीं करना चाहते या उनसे मिलने से मना कर देते हैं।
मोटिवेशन की कमी- पढ़ाई, खेल या दूसरी एक्टिविटीज में रुचि खोने लगते हैं और स्कूल या कॉलेज में अब्सेंट रहते हैं।
शारीरिक संकेत
थकान और सुस्ती- ड्रग्स का सेवन करने वाले युवा अक्सर थके हुए या नींद में डूबे नजर आते हैं।
कंपकंपी और आंखें लाल होना- उनके हाथ कांप सकते हैं, आंखें लाल हो सकती हैं या पुतलियां फैली हुई दिख सकती हैं।
साफ-सफाई न करना- पर्सनल हाइजीन और कपड़ों की ओर ध्यान देना कम कर देते हैं।
बोलने में क्लैरिटी न होना- ड्रग्स के प्रभाव में उनकी बोलचाल धीमी हो जाती है या शब्दों का उच्चारण सही तरीके से नहीं कर पाते हैं।
भूख में बदलाव- कभी बहुत ज्यादा खाने लगते हैं, तो कभी बिल्कुल नहीं खाते, जिससे वजन तेजी से घट सकता है।
बैलेंस की कमी- चलते समय लड़खड़ाना या फिजिकल बैलेंस बनाए रखने में दिक्कत होना।
अनियमित नींद- रात भर जागना और दिन में सोना, या बहुत ज्यादा या बहुत कम नींद लेना।
बार-बार बीमार पड़ना- ड्रग्स की वजह से इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे सर्दी-खांसी और दूसरी बीमारियां बार-बार होती हैं।