कोरोना काल में ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले डाक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को आर्थिक सहायता के साथ सरकार शहीद का दर्जा देते हुए अस्पतालों में शहीद वेदी का निर्माण कराए। साथ ही उनका नाम शहीद के रूप में सुनहरे अक्षरों से लिखा जाना चाहिए। इन मांगों को लेकर सोमवार को नेशनल पब्लिक हेल्थ एलायंस (एनपीएचए) संगठन के बैनतर तले स्वास्थ्यकर्मियों ने जीबी पंत अस्पताल से मौलाना आजाद मेडिकल कालेज तक एक मार्च निकाला।
एनपीएचए संस्था के बैनर तले निकाली रैली
इस दौरान लोकनायक, जीबी पंत अस्पताल और मौलाना आजाद मेडिकल कालेज के साथ ही दिल्ली सरकार के अन्य अस्पतालों के साथ-साथ केंद्र सरकार के कलावती अस्पताल के कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया। रैली का समापन शहीद वेदी पर हुआ जहां पर उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। जिन्होंने देश और अंग्रेजी सरकार के खिलाफ आंदोलन किया।
दोबारा डीएसएसएसबी से नियमित भर्ती करने की मांग
वहीं, रैली के दौरान पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप, शार्ट टर्म कांटेक्ट और जेम पोर्टल के द्वारा पैरामेडिकल कर्मचारियों की भर्ती और 60 साल से ऊपर के कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगाने और दोबारा डीएसएसएसबी से नियमित भर्ती करने की मांग की गई। इस दौरान एनपीएचए के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
स्पेशल एरिया में बहाल होंगे हेल्थ लाइसेंस: ओबराय
दक्षिणी निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष लेफ्टीनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) बीके ओबराय ने बताया कि निगम ने स्पेशल एरिया, अनधिकृत कालोनियों और अनधिकृत-अधिकृत कालोनियों में लाइसेंस को बहाल करने का फैसला लिया है। इसके तहत वर्ष 2014 तक जितने हेल्थ लाइसेंस जारी किए गए थे उन्हें बहाल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रविधान) को अध्यादेश के जरिए 31 दिसंबर, 2013 तक बढ़ाया था। इसलिए ऐसे में जो अब रेस्तरां और अन्य व्यावसायिक गतिविधियां लाइसेंस लेकर चल रही थी उनके लाइसेंस का नवनीकरण किया जाएगा। इसके लिए वर्ष 2020 में जारी किए गए दर से इनका नवनीकरण किया जाएगा। वहीं, ऐसे व्यापार को 31 दिसंबर तक के लिए लाइसेंस जारी किए जाएंगे।