क्रिकेट के लिहाज से पिछला कुछ वक्त बेहद शानदार गुजर रहा है। पहले भारत और न्यूजीलैंड के बीच लगातार दो टी-20 सुपर ओवर में खत्म हुए तो अब दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच जारी तीन टी-20 मैच की सीरीज के शुरुआती दो मुकाबलों का फैसला भी आखिरी गेंद में हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि जहां पहला मैच दक्षिण अफ्रीका ने जीता तो बीती रात हुए दूसरे टी-20 में इंग्लैंड ने बाजी मारी। अब सीरीज का तीसरा और निर्णायक टी-20 रविवार शाम यानी 16 फरवरी को खेला जाएगा।
डरबन के किंग्समीड मैदान पर खेले गए इस मैच में दक्षिण अफ्रीकी कप्तान क्विंटन डीकॉक ने टॉस जीतकर इंग्लैंड को बल्ला थमाया। भले ही जोस बटलर और जो डेनली जैसे खिलाड़ी फेल रहे, लेकिन सलामी बल्लेबाज जेसन रॉय (29 गेंदों में 40 रन), जॉनी बेयरस्टो (17 गेंदों में 35 रन), मोईन अली (11 गेंदों में 39 रन) और बेन स्टोक्स की नाबाद पारी (30 गेंदों में 47 रन) के बूते इंग्लैंड ने निर्धारित 20 ओवर्स में सात विकेट के नुकसान पर 202 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। वैसे तो सभी प्रोटियाज गेंदबाजों की जमकर धुनाई हुई, लेकिन पिछले मैच के हीरो रहे लुंगी एनगिडी को सर्वाधिक तीन विकेट मिले।
इंग्लैंड के 202 रन के जवाब में दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत बेहद शानदार रही। टेम्बा बावुमा और क्विंटन डीकॉक ने मिलकर महज 7.5 ओवर में ही पहले विकेट के लिए 92 रन जोड़ दिए।
इस दौरान डीकॉक ने महज 17 गेंदों में ही अपना अर्धशतक पूरा कर लिया। अब्दुल रशीद की गेंद पर गगनचुंबी छक्का जमाकर उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की ओर से सबसे तेज टी-20 फिफ्टी का अपना ही रिकॉर्ड सुधारा।
मैच इंग्लैंड की पकड़ से निकलता नजर आ रहा था, तभी मार्क वुड ने लगातार दो ओवर में दोनों अफ्रीकी सलामी बल्लेबाजों को पवेलियन लौटा दिया। बेहद खतरनाक नजर आ रहे डीकॉक एक बेहतरीन शॉट पर बाउंड्री के नजदीक बेन स्टोक्स द्वारा लपके गए तो 10वें ओवर में बावुमा विकेट के पीछे बटलर के दस्तानों में समां गए।
यहां से इंग्लैंड को जीत की खूशबू मिल चुकी थी, लेकिन प्रोटियाज अभी खत्म नहीं हुए थे। यहां से अपनी टीम को जीत दिलाने का जिम्मा वैन डर डुसेन ने संभाला। दूसरी छोर से विकेट गिरते गए, लेकिन चौथे नंबर पर आए इस दाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपने बेहतरीन शॉट्स के बूते इंग्लैंड को मात दे ही दी थी, लेकिन आखिरी दो गेंदों पर गिरे लगातार दो विकेट ने मैच इंग्लैंड की झोली में डाल दिया।
26 गेंदों पर 43 रन बनाकर नाबाद रहने वाले वैन डर डुसैन जब क्रीज पर उतरे तो दक्षिण अफ्रीका को 10 ओवर में जीत के लिए 102 रन चाहिए थे, लेकिन 165.38 की औसत से खेलते हुए वैन डर ने यह अंतर 5 ओवर में 60, 3 ओवर में 45, 2 ओवर में 26 और आखिरी ओवर में 15 रन कर दिया।
यानी तीन मैच की टी-20 सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका को आखिरी छह गेंदों में 15 रन की दरकार थी। क्रीज पर डुसैन का साथ देने के लिए 8 गेंदों में 13 रन बनाकर खेल रहे ड्वेन प्रिटोरियस मौजूद थे।
गेंद तेज गेंदबाज टॉम करन के हाथ में थी और स्ट्राइक पर थे प्रिटोरियस। पहली गेंद डॉट जाने के बाद दूसरी और तीसरी गेंद पर प्रिटोरियस ने पहले डीप मिड विकेट पर छक्का जमा दिया और फिर एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से चौका लगा दिया।
चौथी गेंद पर भी दो रन आ गए। अब दक्षिण अफ्रीका को दो गेंदों में महज 3 रन की दरकार थी। यानी एक हिट और मैच प्रोटियाज के पक्ष में। इंग्लिश बॉलर पर जबरदस्त दबाव था क्योंकि क्रीज पर मौजूद दोनों बल्लेबाज सेट हो चुके थे, लेकिन इसके बाद जो हुआ वो चमत्कार था।
अपनी नब्ज पर काबू रखते हुए टॉम करन ने पांचवीं गेंद जबरदस्त यॉर्कर डाली। गेंद सीधे बल्लेबाज के पैर पर लगी और जोरदार अपील पर अंगुली खड़े करने में अंपायर की कोई हिचक नहीं हुई। यह विवादित फैसला था, क्योंकि वापस लौट रहे प्रिटोरियस ने पवेलियन में बैठे अपने कप्तान का इशारा देखकर रीव्यू लेना चाहा। अंग्रेजों ने आपत्ति भी दर्ज कराई। हालांकि डीआरएस में भी वह आउट ही करार दिए गए।
इस विकेट ने पूरा मैच पलटा दिया, क्योंकि आखिरी गेंद में जीत के लिए तीन रन। टाई के लिए दो रन की दरकार थी और दक्षिण अफ्रीका के लिए मैच बनाने वाले वैन डर डुसैन नॉन स्ट्राइक एंड पर खड़े थे।
अब दबाव अपना तीसरा टी-20 खेल रहे स्पिनर फॉर्टिन पर था, क्योंकि उनके हाथ में गेंद नहीं बल्कि बल्ला था। हालांकि प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने तीन शतक भी लगाए हुए थे, लेकिन आज उनकी एक न चली।
लेग स्टंप पर आई एक स्लोअर बॉल को वह शॉर्ट फाइन लेग के ऊपर से मारना चाहते थे, लेकिन वहां मुस्तैद अब्दुल राशिद ने आसान कैच लपककर इंग्लैंड की जीत सुनिश्चित की। यह विकेट 2007 में खेले गए पहले टी-20 विश्व कप के फाइनल में पाक कप्तान मिसबाह-उल-हक के विकेट की याद दिलाता है।