ATM का इस्तेमाल करने वालों के लिए यह खबर महत्वपूर्ण है। ज्यादातर बैंक अपने ग्राहकों को 5 फ्री एटीएम ट्रांजेक्शन की सुविधा देते हैं। हालांकि, इन पांच ट्रांजेक्शन में नॉन-कैश विदड्रावल ट्रांजेक्शंस जैसे बैलेंस इनक्वायरी, चेकबुक के लिए आवेदन, टैक्स भुगतान और फंड ट्रांसफर आदि को शामिल नहीं किया जा सकता। इसके अलावा इनमें उन ट्रांजेक्शंस की भी गिनती नहीं की जाएगी जो फेल हो गए हैं। अलग-अलग बैंक अपने ग्राहकों को प्रति महीने एक निश्चित संख्या में एटीएम से फ्री लेनदेन की सुविधा उपलब्ध कराते हैं। इसके बाद के लेनदेन पर वे शुल्क वसूलते हैं।
बैंक खाताधारकों के फायदे के लिए बैंकिंग नियामक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बाकायदा फ्री एटीएम ट्रांजेक्शंस को लेकर एक स्पष्टीकरण जारी किया है। आपके लिए यह जानना जरूरी है। 14 अगस्त को जारी एक सर्कुलर में रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर या कम्युनिकेशन में बाधा के कारण अगर एटीएम का कोई ट्रांजेक्शन फेल हो जाता है तो उसकी गिनती नहीं की जाएगी।
रिजर्व बैंक के सर्कुलर के अनुसार, अगर एटीएम में कैश नहीं है और इसकी वजह से ट्रांजेक्शन नहीं हो पाता है तो बैंक या एटीएम सेवा प्रदाता इसे वैलिड एटीएम ट्रांजेक्शन नहीं मानेंगे। साथ ही अगर कोई ग्राहक एटीएम में गलत पिन डालता है और उसका ट्रांजेक्शन इस कारण फेल हो जाता है तो उसे भी वैलिड एटीएम ट्रांजेक्शन नहीं माना जाएगा।
RBI ने कहा है कि इन फेल्ड ट्रांजेक्शन के बदले बैंक ग्राहकों से चार्ज नहीं वसूल सकते। आरबीआई ने अपने सर्कुलर में कहा है, ‘हमारे संज्ञान में यह बात आई है कि जो ट्रांजैक्शंन तकनीकी कारणों, एटीएम में कैश न होने आदि की वजह से फेल हो जाते हैं, बैंक उसे भी फ्री एटीएम ट्रांजेक्शंस की संख्या में शामिल कर लेते हैं।’
रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि नॉन-कैश विदड्रावल ट्रांजेक्शंस जैसे बैलेंस इनक्वायरी, चेकबुक आवेदन, टैक्स का भुगतान, फंड ट्रांसफर आदि को फ्री एटीएम ट्रांजेक्शंस की संख्या में शामिल नहीं किया जाएगा।