भारतीय वस्तुओं के निर्यात पर अमेरिका में लगे टैरिफ का फायदा चीन उठा रहा है। इससे देश के कई प्रमुख बाजारों में चीनी वस्तुओं का दबदबा बढ़ रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में 19 फीसदी की वृद्धि जरूर हुई लेकिन इसकी अगुवाई स्मार्टफोन ने की, जिसके निर्यात मूल्य में 2.4 अरब डॉलर की तेजी आई है। अधिकांश अन्य प्रमुख निर्यात श्रेणियों में तेजी से गिरावट आई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका के टैरिफ दबाव और आक्रामक चीनी प्रतिस्पर्धा का यह मेल भारत की निर्यात क्षमता को कमजोर कर रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स ही एकमात्र बेहतर क्षेत्र है। स्मार्टफोन ने इस क्षेत्र के निर्यात में 60 फीसदी का भारी योगदान दिया। इसमें अक्तूबर में आईफोन का योगदान 1.6 अरब डॉलर था। लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि यह वास्तविक वृद्धि नहीं है। आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि अक्तूबर में भारत के व्यापारिक निर्यात में भारी कमी देखी गई। अधिकांश प्रमुख क्षेत्रों में भी इसी तरह की गिरावट दर्ज की गई। यह कई वर्षों में पहली बार हुआ है। भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, लंबे समय में पहली बार भारत की शीर्ष दस निर्यात श्रेणियों में सामूहिक रूप से गिरावट आई है। यह व्यापार के मोर्चे पर वैश्विक और घरेलू दोनों दबावों को उजागर करता है।
इंजीनियरिंग वस्तुओं में आई 17 फीसदी की कमी
निर्यात पोर्टफोलियो की रीढ़ इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात 16.7 फीसदी गिरकर अक्तूबर में 9.37 अरब डॉलर पर आ गया। पेट्रोलियम उत्पाद 10.5 फीसदी घटकर 3.95 अरब डॉलर रह गया। दवाओं एवं फार्मा निर्यात में 5.2 फीसदी की कमी आई और यह 2.49 अरब डॉलर रह गया।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal