टिहरी स्थित टीएचडीसी हाइड्रोपावर अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में नियमित नियुक्तियों को सरकार ने न्यायालय में स्वीकार किया है। संस्थान के प्रोफेसर अरविंद कुमार सिंह के नेतृत्व में 15 शिक्षकों ने अपनी नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की थी।
विदित रहे कि उच्चतम न्यायालय में अवमानना की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई के दौरान उत्तराखंड सरकार व निदेशक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ताओं को पूर्व में ही नियमित किया जा चुका है अत: इनकी नियमित नियुक्तियों पर कोई प्रश्न चिह्न नहीं है, जबकि सरकार की तरफ से प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा व निदेशक टीएचडीसी हाइड्रोपावर अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान ने शपथ के साथ उच्चतम न्यायालय में जवाब दाखिल किया था कि उच्च न्यायालय की ओर से एक दिसंबर 2015 को पास किया गया फैसला गलत है।
याचिकाकर्ता टीएचडीसी हाइड्रोपावर अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रोफेसर डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रति जारी करते हुए कहा कि यह तो सरकार की ओर से एक प्रकार की धोखाधड़ी साबित हो रही है। सरकार पहले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोलती है और जब सुनवाई के दौरान फजीहत की नौबत आती है तो अब जाकर मजबूरन रास्ते पर आती है।